प्रह्लादनगर गार्डन के पास स्थित विनस एटलांटिस की तीसरी मंजिल पर स्थित मेसर्स जयहिंद प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ( जेपीएल ) द्वारा आईडीबीआई सहित पांच बैंको से लोन लेकर 627 करोड़ की ठगी करने की शिकायत सीबीआई ने दिल्ली में दर्ज की है। जिसमे आरोपी के तौर पर जयहिंद प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ( JPL )उसके डायरेक्टर चेतन तोलणी , गौरव पी हिंदुजा तथा अंजान सरकारी अधिकारीयों और कर्मचारियों का समावेश किया गया है।
आईडीबीआई बैंक लिमिटेड के महाप्रबंधक राहुल सिंहा ने सीबीआई दिल्ली मुख्यालय में 17 मार्च 2022 को की लिखित शिकायत में आरोप लगाया था कि ,आईडीबीआई बैंक लिमिटेड( लीड बैंक ) तथा अन्य चार कंसोटोरियम लोन दायको से मेसर्स जयहिंद प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ( जेपीएल ) ने धोखाधड़ी , डायवर्जन ,सिफोनिंग , फंड में अनियमितता किया है जिसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए। जिसके आधार पर दिल्ली सीबीआई के फ्राड सेल द्वारा मेसर्स जयहिंद प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ( जेपीएल )तथा उसके डायरेक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जाँच शुरू की है।
शिकायत के मुताबिक प्रह्लादनगर गर्दन के पास स्थित विनस एटलांटिस की तीसरी मंजिल पर स्थित मेसर्स जयहिंद प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ( जेपीएल ) कंपनी में गैस ,तेल ,पानी तथा रसयानों के लिए पाइपलाइन डालने का प्रोजेक्ट लिया था , जिसमे आईडीबीआई बैंक मोरबी मुद्रा पाइपलाइन (MMPL ) प्रोजेक्ट के लिए 65 करोड़ का कर्ज 2 जुलाई को मंजूर किया था। गुजरात स्टेट पेट्रोनेट लिमिटेड ( G S P L ) हस्तग्रस्त प्रोजेक्ट था इसके बाद 19 फरवरी 2009 को आईडीबीआई बैंक जफराबाद पाइपलाइन ( DJPL )प्रोजेक्ट के लिए 178 . 55 करोड़ की फंड के बिना ( NFB )क्रेडिट सुविधा मंजूर की यह भी जरात स्टेट पेट्रोनेट लिमिटेड ( G S P L ) हस्तग्रस्त प्रोजेक्ट था। इस प्रोजेक्ट में स्टेट बैंक आफ इंडिया , बैंक आफ बड़ौदा ,केनेरा बैंक तथा इंडियन बैंक द्वारा भी करोडो की लोन दी गयी थी।
लेकिन बाद में लोन ना चुकाने पर आईडीबीआई समेत चार अन्य कर्जदाता बैंकों ने मेसर्स जयहिंद प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ( जेपीएल ) के खातों को एनपीए कर दिया गया। बैंक द्वारा फोरेंसिक आडिट कराने पर मेसर्स जयहिंद प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ( जेपीएल ) निदेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर अनियमितता कर फंड डायवर्ट किये गए थे जिसमे कई मामलों कर्ज चुकाने के दावे किये गए थे , साथ ही बैंक तथा फोरेंसिक आडिटर द्वारा कई बार मगाने के बावजूद अहम दस्तावेज नहीं दिए गए। बैंक के भी तीन अधिकारियो ने कोई जाँच नहीं की थी ,तीनो अधिकारियों को सामान्य दंड दिया गया था।
किस बैंक का कितना था कर्ज
मेसर्स जयहिंद प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ( जेपीएल )ने आईडीबीआई बैंक ने 2 जुलाई 2008 को 163 . 28 करोड़ मूल कर्ज मंजूर किया था 31 अक्टूबर 2010 तक जो ब्याज के साथ 541 . 96 करोड़ हो गया है। वही एसबीआई बैंक द्वारा 19 जून 2007 को 92. 75 करोड़ मूल कर्ज मंजूर किया था जो ब्याज के साथ 20 अक्टूबर 2020 तक 60 . 09 करोड़ था। जबकि बैंक ऑफ बड़ोदा से 135 . 88 करोड़ 29 मार्च को मंजूर किया गया जोकि ब्याज के साथ 77. 65 करोड़
11 दिसम्बर 2020 तक हो गया है। इसी तरह केनेरा बैंक ने 127 . 13 करोड़ एनए के तौर पर दिया था जो 253 . 32 करोड़ हो गया है। इंडियन बैंक ने 108 . 55 कर्ज दिया था जो ब्याज के साथ 30 सितम्बर 2020 तक बढ़कर 139 . 21 करोड़ हो गया है। इन्युमेंट फायनेंस द्वारा 48 . 59 करोड़ दिया गया था। इस तरह इन्युमेंट फायनेंस के 48 . 59 अलावा 627 . 59 करोड़ की शिकायत दर्ज करायी गयी है।
अजय इंजी. इन्फ्रा प्रा. लिमिटेड के राजनीतिक सपोर्ट और भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया हाटकेश्वर ब्रिज