अहमदाबाद: टू व्हीलरों के लिए भी पार्किंग की जगह कम, झगड़ा ज्यादा

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अहमदाबाद: टू व्हीलरों के लिए भी पार्किंग की जगह कम, झगड़ा ज्यादा

| Updated: October 6, 2022 12:43

अहमदाबादः अपने दोपहिया वाहनों को पार्क करते समय सतर्क रहें। शहर में जगह की कमी से पार्किंग के मसले पर झगड़े बढ़ गए हैं। कई जगहों पर मारपीट, दंगा से लेकर हत्या की कोशिश तक हो चुकी है। खड़िया से लेकर बोपाल तक पुलिस ने पिछले कुछ महीनों में ऐसे कम से कम एक दर्जन मामले दर्ज किए हैं।

पुलिस के मुताबिक, “पहले लोग चार पहिया वाहन की पार्किंग को लेकर झगड़ते थे। अब शाहीबाग, सोला साइंस सिटी, शाहपुर, नारनपुरा, नवरंगपुरा, वस्त्रपुर, रायपुर, मेमनगर, वैष्णोदेवी सर्कल, खोडियार, घुमा और गोटा में दोपहिया पार्किंग को लेकर विवाद के मामले दर्ज हो रहे हैं। जगह की कमी से लोग अपने दोपहिया वाहनों को सड़कों पर पार्क करते हैं। ऐसा कर दुकानों या घरों के रास्ते को बंद कर देते हैं। जब एक व्यक्ति दूसरे के पार्किंग की जगह को घेर लेता है, तो पड़ोसी भी लड़ते हैं। लोग बेतरतीब ढंग से पार्क करते हैं। लोग अपने वाहन को ऐसे आड़े-तिरछे पार्क करते हैं कि दूसरे के लिए मुश्किल हो जाती है।”

पुलिस ने कहा कि नए बन रहे अपार्टमेंटों के साथ-साथ पुरानी हाउसिंग सोसाइटियों में भी पार्किंग को लेकर लड़ाई देखी गई है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि गोटा, वैष्णोदेवी, सोला और थलतेज में कई नए फ्लैटों में पार्किंग की पर्याप्त जगह नहीं है। अधिकारी ने कहा, “शहर की पुलिस को अवैध पार्किंग के साथ-साथ रिहायशी इलाकों में पार्किंग को लेकर विवाद से निपटना होगा। वैसे यह ऐसा मामला है, जिस पर नगर निकाय को काम करना चाहिए।” अधिकारी ने कहा, “नगर निगम आवासीय योजनाओं को यह जांचने के बाद मंजूरी देता है कि इसमें पार्किंग की जगह सहित सभी सुविधाएं हैं या नहीं। ज्यादातर मामलों में पार्किंग सुविधा केवल कागज पर ही होती है, हकीकत में नहीं।”

बता दें कि अहमदाबाद जिले में प्रत्येक वर्ग किलोमीटर पर 714 वाहन हैं, और पिछले पांच वर्षों में 20 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत किए गए हैं। अहमदाबाद आरटीओ के आंकड़ों के अनुसार, शहर में मौजूदा वाहन क्षमता में हर साल कम से कम एक लाख दोपहिया और लगभग 50,000 कारें जुड़ जाती हैं। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुराने इलाकों में भी दोपहिया वाहन की पार्किंग को लेकर मारपीट हुई है। अधिकारी ने बताया कि पुराने इलाकों में घर बिना पार्किंग की अवधारणा के बनाए गए थे। धीरे-धीरे वहां रहने वाले लोगों ने दोपहिया वाहन खरीदना शुरू कर दिया। हालांकि, क्षेत्र में उन्हें पार्क करने के लिए बहुत कम या कोई जगह नहीं थी। इससे वहां रहने वालों के बीच अक्सर लड़ाई हो जाती है।

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