नई दिल्ली: दुनिया की प्रमुख निवेश फर्म ब्लैकरॉक (BlackRock) की प्राइवेट-क्रेडिट इन्वेस्टिंग डिवीज़न और कई अन्य उधारदाताओं ने एक बड़ा खुलासा किया है। वे बंकिम ब्रह्मभट्ट के स्वामित्व वाली टेलीकॉम-सेवा कंपनियों से 500 मिलियन डॉलर (लगभग 4,175 करोड़ रुपये) से अधिक की वसूली के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इन कंपनियों का दावा है कि वे एक सुनियोजित धोखाधड़ी का शिकार हुई हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन उधारदाताओं ने इसी साल अगस्त महीने में बंकिम ब्रह्मभट्ट के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया था। ब्रह्मभट्ट ‘ब्रॉडबैंड टेलीकॉम’ (Broadband Telecom) और ‘ब्रिजवॉइस’ (Bridgevoice) नामक दो टेलीकॉम कंपनियों के मालिक हैं।
मुकदमे में उन पर यह गंभीर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ऋण (loans) हासिल करने के लिए “फर्जी अकाउंट्स रिसीवेबल” (fake accounts receivable) यानी नकली रसीदें या बिल बनाए और उन्हें गारंटी (collateral) के तौर पर पेश किया।
उधारदाताओं का कहना है कि इस धोखाधड़ी के चलते अब ब्रह्मभट्ट की कंपनियों पर कुल 500 मिलियन डॉलर से अधिक की देनदारी बनती है, जिसे वे वसूलने का प्रयास कर रहे हैं।
इस पूरे मामले पर, बंकिम ब्रह्मभट्ट ने अपने वकील के ज़रिए अपना पक्ष रखा है। उन्होंने अपने ऊपर लगे धोखाधड़ी के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और उन्हें बेबुनियाद बताया है।
इस बीच, मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के अनुसार, यह भी खबर सामने आ रही है कि बीएनपी परिबास (BNP Paribas) ने ब्रह्मभट्ट की कंपनियों को यह ऋण दिलाने में ब्लैकरॉक के एचपीएस इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स (BlackRock’s HPS Investment Partners) की कथित तौर पर सहायता की थी।
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