अहमदाबाद: 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 के टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त होकर बीजे मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में गिरने के बाद वहां के एमबीबीएस छात्रों के परिजन गहरे सदमे में हैं। इस हादसे के चलते कक्षाओं के संचालन पर असमंजस बना हुआ है, जिससे परिजन बेहद चिंतित हैं। कई छात्र हादसे के मानसिक और शारीरिक प्रभाव से जूझ रहे हैं, वहीं उनके मोबाइल फोन क्षतिग्रस्त होने से परिजनों से संपर्क करने में भी परेशानी हो रही है।
उत्तर प्रदेश से आए एक तीसरे वर्ष के छात्र, जो हादसे के बाद जूनियर छात्रों की मदद करने वाले पहले लोगों में शामिल थे, ने बताया, “मैंने अपने माता-पिता को वीडियो कॉल के जरिए समझाने की कोशिश की कि मैं ठीक हूं, लेकिन वे फिर भी परेशान थे। आखिरकार मेरे बड़े भाई ट्रेन से अहमदाबाद आए, एक दिन मेरे साथ रुके और फिर लौटते वक्त भी वे चिंतित ही थे।”
गुजरात से जुड़े अधिकांश एमबीबीएस अंडरग्रेजुएट छात्र घर लौट चुके हैं, जबकि अन्य राज्यों से आए छात्र हॉस्टल में इस उम्मीद में रुके हुए हैं कि जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे। छात्रों के अनुसार, हादसे से उपजे मानसिक तनाव के चलते परीक्षाओं को स्थगित किए जाने की संभावना है।
पहले वर्ष के एमबीबीएस छात्र जित भूरिया की मां, शीलाबेन भूरिया ने कहा, “मेरा बेटा अब भी हादसे के डर से सो नहीं पाता है। वह पूरी रात जागते हुए मुझसे कहता है कि उसे बार-बार वही मंजर याद आता है।”
जित हादसे के दिन हॉस्टल के अतुल्यम मेस में अपने दोस्तों के साथ खाना खाने गया था, जब अचानक फ्लाइट इमारत से टकरा गई और छत उन पर गिर पड़ी। हादसे के तुरंत बाद उसे सिविल हॉस्पिटल असरवा में भर्ती किया गया, फिर दाहोद के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया। 18 जून को उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई, लेकिन कक्षाओं या परीक्षाओं को लेकर अब तक कोई जानकारी नहीं है।
बिहार से आए दूसरे वर्ष के छात्र ऋतेश कुमार, जिन्होंने हादसे में अपना मोबाइल खो दिया था, ने बताया कि वह अस्पताल से डिस्चार्ज के एक दिन बाद हॉस्टल में रुके, फिर परिजनों के बार-बार आग्रह करने पर घर लौट आए। वहीं, उत्तर प्रदेश के अयोध्या से आए पहले वर्ष के छात्र अक्षत जयसवाल, जिनकी टांग में फ्रैक्चर हुआ है, वे भी अपने घर लौट चुके हैं।
मेहसाणा के दूसरे वर्ष के छात्र प्रथम कोलचा और उनके तीन अन्य बैचमेट्स — जो हादसे के वक्त मेस जा रहे थे — जले हुए ईंधन से लगी आग में घिर गए थे। सभी तीनों साथी, जिनमें सूरत के निकुंज और पंचमहल के बृजेश शामिल हैं, इस वक्त अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं।
प्रथम के पिता जगदीशभाई कोलचा, जो ओएनजीसी मेहसाणा में कर्मचारी हैं, 12 जून से अहमदाबाद में रह रहे हैं। उन्होंने बताया, “अभी तक कक्षाओं और परीक्षाओं को लेकर कोई जानकारी नहीं है। बेहतर होता कि इस सत्र को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया जाए ताकि बच्चे मानसिक रूप से उबर सकें।”
वहीं, आनंद के निवासी और दूसरे वर्ष के छात्र निकुल चौधरी, जो एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं, ने कहा, “अभी मैं सदमे में हूं और कुछ सोच नहीं पा रहा हूं। बस यही उम्मीद है कि जल्द हालात सामान्य हो जाएं।”
एक ओर छात्र इस दर्दनाक हादसे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर परिजन कक्षाओं की बहाली और बेहतर भविष्य को लेकर जल्द से जल्द स्पष्टता चाहते हैं।
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