नई दिल्ली: अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित ओंटारियो में हुए एक भीषण सड़क हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया है। इस दुर्घटना में आठ वाहन आपस में टकरा गए, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। इस मामले में 21 वर्षीय ट्रक ड्राइवर जशनप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है। जशनप्रीत पर “लापरवाही से वाहन चलाकर हत्या करने, नशा करके गाड़ी चलाने और शारीरिक चोट पहुँचाने” जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
हालाँकि, पंजाब में रहते जशनप्रीत के परिवार ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। परिवार का दावा है कि उनका बेटा एक ‘अमृतधारी सिख’ था और वह किसी भी तरह के नशे में शामिल नहीं था।
गुरदासपुर का रहने वाला है जशनप्रीत
जशनप्रीत सिंह मूल रूप से गुरदासपुर से 8 किलोमीटर दूर मुकेरियां रोड पर स्थित पुरानेशाला कस्बे का रहने वाला है। उसके पिता, रविंदर सिंह, एक स्थानीय स्कूल बस चलाकर परिवार का गुजारा करते हैं, जबकि उसकी माँ जसवीर कौर एक गृहिणी हैं।
परिवार इस खबर से गहरे सदमे में है। जशनप्रीत की बहन सिमरनजीत कौर इतनी व्यथित हैं कि उन्होंने किसी से भी बात करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक “उनका भाई नशे के आरोपों से बरी नहीं हो जाता,” वह बात नहीं करेंगी।
‘वह पंज प्यारों में से एक बनता था’
पिता रविंदर सिंह ने अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा कि वह एक धार्मिक लड़का था और नशे से कोसों दूर था। उन्होंने जशनप्रीत की धार्मिक जुलूसों में भाग लेने वाली तस्वीरें भी दिखाईं।
रविंदर सिंह ने कहा, “वह नियमित रूप से नगर कीर्तन में हिस्सा लेता था और अक्सर ‘पंज प्यारों’ में से एक के रूप में तैयार होता था।”
जब परिवार को बताया गया कि विष विज्ञान (toxicology) रिपोर्ट से पता चला है कि जशनप्रीत नशा करके गाड़ी चला रहा था, तो रविंदर सिंह ने इन दावों का खंडन किया।
उन्होंने कहा, “सबसे बढ़कर, इस नशे के मुद्दे को हमेशा के लिए सुलझाया जाना चाहिए। यह हमें वास्तव में आहत कर रहा है। इसके साथ ही, हम उन परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपनों को खोया है।”
परिवार ने अकाल तख्त और SGPC से लगाई गुहार
जशनप्रीत की माँ जसवीर कौर ने अकाल तख्त और एसजीपीसी (SGPC) से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।
उन्होंने कहा, “मैं अकाल तख्त और एसजीपीसी से अपील करती हूँ कि वे कैलिफोर्निया में भारतीय महावाणिज्य दूतावास (Indian Consulate General) से बात करें। जशनप्रीत एक अमृतधारी सिख था और हमें उम्मीद है कि एसजीपीसी संकट की इस घड़ी में हमारी मदद के लिए आगे आएगी।”
घर गिरवी रखकर बेटे को भेजा था विदेश
परिवार ने जशनप्रीत को विदेश भेजने के लिए एक ट्रैवल एजेंट को 40 लाख रुपये दिए थे। पिता रविंदर सिंह ने दुख जताते हुए कहा, “इस हादसे की खबर ने हमें झकझोर कर रख दिया है। नियति का अपना ही तरीका है। हमने अपने बेटे के लिए बड़ी योजनाएँ बनाई थीं, जो अब सब व्यर्थ हो गई हैं। हमने जशनप्रीत को एक आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य देने के लिए अपना पुश्तैनी घर गिरवी रख दिया था।”
रिपोर्टों के अनुसार, जशनप्रीत नवंबर 2022 में अमेरिका की दक्षिणी सीमा पार करने के बाद अमेरिका पहुँचा था। उसे सीमा गश्ती (border patrol) अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अमेरिकी सरकार की एक नीति के तहत उसे रिहा कर दिया गया था। इस नीति के तहत अवैध प्रवासियों को निर्वासन (deportation) की सुनवाई लंबित रहने तक रिहा कर दिया जाता है।
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