नई दिल्ली: देश में 31 अगस्त से कोविड-19 महामारी के दौरान घरेलू एयरलाइनों पर लगा किराया कैप हट जाएगा। यानी एयरलाइनें 31 अगस्त के बाद यात्रियों के लिए जो भी उचित समझें, चार्ज कर सकती हैं। यह जानकारी केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को ट्वीट कर दी। फेयर कैप वर्तमान में 15 दिनों के साइकिल में रोलिंग बेसिस पर लागू है।
कोविड-19 महामारी के कारण दो महीने के लॉकडाउन के बाद 25 मई, 2020 को विमान सेवाएं फिर शुरू होने पर मंत्रालय ने उड़ान की अवधि के आधार पर घरेलू हवाई किराए पर निचली और ऊपरी सीमा लगा दी थी। इसके तहत एयरलाइंस किसी यात्री से 40 मिनट से कम की घरेलू उड़ानों के लिए 2,900 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) से कम और 8,800 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) से अधिक किराया नहीं ले सकती हैं।
इस निर्णय से इंडिगो, स्पाइसजेट, एयर इंडिया और विस्तारा सहित सभी एयरलाइनों को राहत मिलेगी। टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस की साझेदारी में शुरू हुई नई एयरलाइन- अकासा एयर- को भी टिकटों की कीमत खुद तय करने की अनुमति मिल जाएगी।
वैसे एनडीटीवी को लगता है कि इससे हवाई किराए में बढ़ोतरी का भी जोखिम है। लेकिन प्राइस कैप को हटाने के कारण विमानन कंपनियां किराए को कम कर सकती हैं, जिससे नकदी की कमी दूर हो सकती है।
गौरतलब है कि कोरोनो वायरस महामारी के दौरान विदेशी विमान से लेकर डोमेस्टिक फ्लाइट तक के बंद हो जाने से देश के एविएशन सेक्टर को काफी नुकसान हुआ था। अब यह क्षेत्र रिकवरी कर रहा है और खासकर हवाई यात्रियों की संख्या के मामले में तेजी आई है। धीरे-धीरे विमान कंपनियां भी इस नुकसान से उबार रही हैं। हवाई यात्रियों की संख्या भी कोविड से पहले वाली स्थिति में पहुंच रही है।
सरकार द्वारा किराया कैप तब लगाया गया था, जब उसने मई 2020 में हवाई यात्रा से प्रतिबंध हटा दिया था। इससे पहले दो महीने तक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए विमानों की उड़ान बंद कर दी गई थी। उस समय यह कहा गया था कि मुंबई और दिल्ली के बीच दो घंटे की उड़ान के लिए एयरलाइनों को न्यूनतम किराया 3,500 रुपये ($44) और अधिकतम 10,000 रुपये ($126) चार्ज करने की अनुमति होगी, जबकि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 40% बेचे गए टिकटों की कीमत औसत मूल्य से कम रहे।
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