अहमदाबाद: कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को गुजरात से अपने महत्वाकांक्षी संगठनात्मक सुधार कार्यक्रम “संगठन सृजन अभियान” की शुरुआत की। इस अभियान की अगुवाई पार्टी नेता राहुल गांधी ने अहमदाबाद में की।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वर्ष 2025 को संगठनात्मक सुधारों का वर्ष घोषित किया है। इस पहल का उद्देश्य पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करना और नेतृत्व में जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
राहुल गांधी का यह दो दिवसीय दौरा कांग्रेस की जिला समितियों को सशक्त बनाने, जिला अध्यक्षों को अधिक अधिकार देने और संगठन के अंदर जवाबदेही तय करने पर केंद्रित है। गुजरात को इस अभियान के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है — एक ऐसा राज्य जहाँ पार्टी पिछले तीन दशकों से सत्ता से बाहर है।
इस कार्यक्रम की घोषणा कांग्रेस के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने 9 अप्रैल को अहमदाबाद में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के वार्षिक अधिवेशन में की थी। गुजरात में यह अधिवेशन 64 वर्षों बाद आयोजित किया गया।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने पार्टी नेतृत्व से अनुरोध किया था कि इस अभियान की शुरुआत गुजरात से की जाए। यह पहल ऐसे समय में शुरू की गई है जब पार्टी की नजर 2027 में सत्ता में वापसी पर टिकी हुई है।
तीन दशकों से सत्ता से बाहर, अब AAP से भी चुनौती
गुजरात में कांग्रेस जहां पिछले तीन दशकों से बीजेपी को हराने में असफल रही है, वहीं अब उसे अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) से भी चुनौती मिल रही है। 2022 के विधानसभा चुनावों में AAP ने 5 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस सिर्फ 17 सीटों पर सिमट गई थी — जो कि राज्य में उसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि ये दोनों पार्टियाँ बीजेपी के खिलाफ मिलकर लड़ेंगी या अलग-अलग।
जिला स्तर पर संगठन को मजबूत करने की कवायद
कांग्रेस ने राज्य के हर जिले के लिए 5 सदस्यीय पर्यवेक्षक समिति का गठन किया है। इनमें से चार सदस्य गुजरात से और एक सदस्य केंद्र से नामित किया गया है। इन समितियों में सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, प्रदेश सलाहकार समिति सदस्य, नगर निगम अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य और विभिन्न संगठनों के प्रमुख शामिल किए गए हैं।
बुधवार को राहुल गांधी गुजरात के अरावली जिले के मोडासा जाएंगे, जिसे इस अभियान का मॉडल जिला बनाया गया है। वे वहाँ बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से भी संवाद करेंगे।
बीजेपी से मिलीभगत करने वालों की पहचान जरूरी: राहुल गांधी
पर्यवेक्षकों को दिशा-निर्देश देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वे ऐसे नेताओं की पहचान करें जो पार्टी में रहते हुए भी बीजेपी के साथ अंदरखाने मिलकर काम कर रहे हैं। एक पर्यवेक्षक ने Vibes of India से नाम न छापने की शर्त पर बताया कि राहुल गांधी ने कहा है कि हर जिले से ऐसे लोगों के नाम दिए जाएं, ताकि उन पर कार्रवाई की जा सके।
इससे पहले भी अहमदाबाद में एक बैठक के दौरान राहुल गांधी ने स्पष्ट किया था कि बीजेपी की मदद करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अधिवेशन में खड़गे ने भी कहा था कि जो लोग काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें “मार्गदर्शक मंडल” में शामिल हो जाना चाहिए। गोहिल ने भी हाल के एक इंटरव्यू में इस भावना का समर्थन किया था।
राहुल गांधी पहले भी पार्टी के भीतर “शादी के घोड़े” और “दौड़ के घोड़े” के फर्क पर जोर दे चुके हैं, जिसमें उनका आशय निष्क्रिय और सक्रिय कार्यकर्ताओं में अंतर को स्पष्ट करने से था।
आगे की रूपरेखा
23 अप्रैल से 8 मई तक पर्यवेक्षक सभी जिलों में जाकर स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की राय लेंगे। गुजरात कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोशी ने बताया कि 31 मई तक हर जिले से छह नाम पार्टी नेतृत्व को भेजे जाएंगे, जिनमें से राज्य नेतृत्व के परामर्श के बाद जिला अध्यक्षों की घोषणा की जाएगी।
“संगठन सृजन अभियान” कांग्रेस पार्टी के लिए गुजरात में एक नई शुरुआत की उम्मीद है। अब देखना होगा कि यह संगठनात्मक सुधार उसे आगामी चुनावों में कितना लाभ पहुंचा पाता है।
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