अहमदाबाद अपैरल पार्क के कारोबारी कर रहे एसईजेड की नोटिफिकेशन रद्द करने की मांग

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अहमदाबाद अपैरल पार्क के कारोबारी कर रहे एसईजेड की नोटिफिकेशन रद्द करने की मांग

| Updated: November 27, 2022 11:50

अहमदाबाद के खोखरा स्थित अपैरल पार्क जीआईडीसी एसईजेड (GIDC SEZ) के कुछ यूनिट धारकों ने पार्क को डीनोटिफाई करने की मांग की है। व्यापारियों ने राज्य के दौरे के दौरान केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल को अपनी मांग सौंपी है।

पार्क में 50 यूनिट हैं, लेकिन केवल 18 चालू हैं। व्यवसायियों ने तर्क दिया कि एसईजेड नीति उलटा है, क्योंकि यहां यूनिटों को केवल एक्सपोर्ट करना है। उन्होंने तर्क दिया कि यदि घरेलू बाजार को पूरा करने की अनुमति दी जाती है, तो न केवल उनके जीवित रहने की बेहतर संभावनाएं हैं, बल्कि अधिक व्यवसायी भी पार्क में निवेश करने के इच्छुक होंगे।

बताया जाता है कि कुछ उद्यमियों द्वारा सेज में यूनिट लगाने की मांग की जा रही है, लेकिन उनके आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं।

इस मुद्दे को अहमदाबाद अपैरल पार्क के सचिव भाविन पारिख ने पीयूष गोयल के साथ गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक बैठक में उठाया था। उन्होंने कहा, 2008 में एक विशेष आर्थिक क्षेत्र के रूप में अपनी स्थापना के बाद से SEZ कानून के तहत विभिन्न लाभों के कारण यूनिट लगाने के लिए उद्योग का नजरिया बहुत पॉजीटिव था। हालांकि,  एक्सपोर्ट की कठोर शर्तों और SEZ नियमों में लगातार बदलाव के कारण कानून बदल गया। इसका उलटा असर पड़ा और व्यापार को बड़े झटके लगे। विभिन्न व्यावसायिक बाधाओं को ध्यान में रखते हुए अहमदाबाद अपैरल पार्क एसोसिएशन ने आखिरकार एसईजेड नीति से पार्क को गैर-अधिसूचित (denotification) करने का विकल्प चुनने का निर्णय लिया है।

जीआईडीसी ने 38 हेक्टेयर में एसईजेड विकसित करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, मेट्रो परियोजना के उपयोग के लिए 20 हेक्टेयर भूमि वापस कर दी गई थी। एसईजेड में 50 इकाइयों में से 28 आवंटित (allotted) हैं, लेकिन केवल 18 चालू हैं। चल रही यूनिटों में से 14 ने नोटिफिकेशन रद्द करने की मांग की है।

बता दें कि अपैरल पार्क से 10,000 नौकरियां मिलने का अनुमान लगाया था।

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