सूरत के पावरलूम उद्योगों के लिए वरदान साबित हुआ है चुनाव

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सूरत के पावरलूम उद्योगों के लिए वरदान साबित हुआ है चुनाव

| Updated: November 23, 2022 16:31

कोविड-19 के कारण बिना किसी काम के दो साल तक संघर्ष करने के बाद गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों ने आर्टिफिशिल फैब्रिक्स के लिए दुनिया के सबसे बड़े केंद्र सूरत में बड़ी संख्या में पावरलूम श्रमिकों को लिए धन-संकट से उबार लिया है।

राजनीतिक दलों की भारी मांग को पूरा करने के लिए एक लाख से अधिक श्रमिक पिछले एक महीने से चुनाव सामग्री और तिरंगे की बुनाई, रंगाई और सिलाई में लगे हुए हैं।

अहमदाबाद का नुकसान, सूरत का फायदाः

हालांकि दिवाली के मौसम में कारोबार थोड़ा धीमा था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच न केवल गुजरात में, बल्कि हिमाचल प्रदेश में भी मुकाबला सूरत के कपड़ा उद्योगों के लिए वरदान साबित हुआ है। कपड़ा उद्योगों के व्यापारियों और मालिकों ने कहा कि प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए अहमदाबाद में कपड़ा इकाइयों पर लगाए गए ग्यारह महीनों के प्रतिबंध से सूरत को राजनीतिक दलों से अधिक व्यापार पैदा करने में फायदा हुआ है। राजनीतिक दलों ने लाखों टोपी, टी-शर्ट, स्कार्फ, पार्टी के झंडे, साड़ी, बंदनवार के झंडे, मंच सजाने के लिए टेंट सामग्री और बैनर के लिए ऑर्डर दिया है।

छोटे स्तर की कपड़ा यूनिट के कर्मचारी खुशाल बरोचिया ने कहा, “अहमदाबाद में प्रोसेसिंग यूनिटों पर अस्थायी प्रतिबंध (Temporary ban) से निश्चित रूप से यहां के बिजनेस को लाभ हुआ है, जो दीवाली के मौसम में भी सुस्त था। लेकिन, सिलाई और स्क्रीन प्रिंटिंग की तुलना में लाखों मीटर सामग्री का उत्पादन करना आसान है, जो आमतौर पर अहमदाबाद में किया जाता है। टोपी और झंडे की सिलाई में काफी समय लगता है और इसके लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है।”गुजरात की एक प्रमुख कपड़ा इकाई लक्ष्मीपति साड़ियों के निदेशक संजय सरावगी के अनुसार,  बहुत मांग है। इस चुनावी मौसम में बिक्री 1,000 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सूरत में लगभग 25 कपड़ा उद्योग हैं, जो विशेष रूप से चुनाव सामग्री का उत्पादन कर रहे हैं। इनमें लाखों मीटर साड़ी, टेंट सामग्री, झंडे और स्कार्फ शामिल हैं। उन्होंने कहा, “मैंने 25 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर लिया, जो अन्य इकाइयों की तुलना में कम है है। इस साल चुनावी मौसम में बाजार का कारोबार 1,000 करोड़ रुपये से कम नहीं होगा।”

शहर के औद्योगिक केंद्र पांडेसरा में इसी तरह की एक यूनिट में काम करने वाले अमितभाई मित्तल ने कहा कि राज्य भर में उन्होंने अब तक 15 लाख से अधिक नेहरू-शैली के भगवा रंग की टोपियां, 10 लाख से अधिक स्कार्फ, अन्य चुनाव सामग्री के अलावा विभिन्न भाजपा इकाइयों को बांटे हैं।

उन्होंने कहा, हम केवल भाजपा से ऑर्डर लेते हैं। हमारी इकाइयां पिछले कई हफ्तों से चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, “सिर्फ गुजरात के लिए ही नहीं, हम महाराष्ट्र और राजस्थान को भी संबंधित राज्य के नक्शे प्रिंट करके इसी तरह की सामग्री की सप्लाई कर रहे हैं।”

शहर में श्री सरावगी, श्री मित्तल और श्री बरोचिया जैसे कई पावर लूम यूनिट मालिक हैं, जो राज्य में विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए चुनाव सामग्री तैयार कर रहे हैं।

राजेशभाई शाह ने कहा, “मुझे तत्काल डिलीवरी के लिए आप (AAP)  के एक नेता से पांच लाख टोपी, 10 लाख स्कार्फ और झंडे का ऑर्डर मिला है। हम प्रतिदिन सामग्री की आपूर्ति कर रहे हैं। मुझे बताया गया है कि इलाके की एक अन्य इकाई को दिल्ली निगम चुनाव के लिए भी आप की ओर से 10 लाख से अधिक टोपी और 15 लाख से अधिक स्कार्फ की डिलीवरी का ऑर्डर मिला है।’

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