केंद्र सरकार ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत मिश्रण के लिए बने इथेनॉल पर माल और सेवा कर की दर 18% से घटाकर 5% कर दी है। गन्ना आधारित फीड स्टॉक जैसे भारी गुड़, गन्ने का रस, चीनी, चीनी सिरप से उत्पादित इथेनॉल का खरीद मूल्य सरकार द्वारा और खाद्यान्न आधारित फीड स्टॉक से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा वार्षिक आधार पर तय किया जाता है।
आयातित गैसोलीन पर निर्भरता को कम करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों में गुणवत्ता वाले भू-वैज्ञानिक डेटा उत्पन्न करके घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन में वृद्धि के लिए कई नीतिगत पहल शामिल हैं , नए अन्वेषण क्षेत्र को पुरस्कृत करना, नए विकास क्षेत्रों से उत्पादन में तेजी लाना और फोकस करना शामिल है।
मौजूदा उत्पादन क्षेत्रों से उत्पादन को अधिकतम करने पर। इसने जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति (एनपीबी) – 2018 की अधिसूचना द्वारा देश में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिया है, जो पेट्रोल के साथ सम्मिश्रण के लिए इथेनॉल की आपूर्ति में वृद्धि के लिए बायोएथेनॉल के उत्पादन के लिए कई फीडस्टॉक्स के उपयोग की अनुमति देता है।
इथेनॉल की आपूर्ति पक्ष पर उत्साहजनक पहल ने सरकार को 2030 से 2025-26 तक देश में पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। सरकार ने वित्तीय सहायता प्रदान करके देश में पेट्रोकेमिकल मार्ग सहित सेल्यूलोसिक और लिग्नोसेल्यूलोसिक से दूसरी पीढ़ी (2जी) इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रधान मंत्री जी-वन योजना को भी अधिसूचित किया है।