अहमदाबाद/सैन डिएगो — बेहतर भविष्य का सपना देखते हुए अमेरिका पहुंचने की कोशिश कर रहे गुजरात के एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब दो मासूम बच्चे — प्रिंस (14) और माहि (10) — कैलिफ़ोर्निया के सैन डिएगो तट के पास नाव पलटने से डूब गए। यह हादसा 5 मई को हुआ जब यह परिवार कथित तौर पर मेक्सिको के रास्ते अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था।
बच्चों के पिता बृजेशकुमार पटेल (40) कोमा में हैं, जबकि मां जागृति (39) अस्पताल में भर्ती हैं और मानसिक आघात से गुजर रही हैं। बताया जा रहा है कि यह परिवार अक्टूबर 2024 में विज़िटर वीज़ा पर लंदन गया था, लेकिन परिवार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वे अमेरिका अवैध रूप से प्रवेश करने की योजना बना रहे हैं।
मीडिया के हवाले से बात करते हुए बृजेश के चाचा अनिल पटेल ने बताया, “हमने सोशल मीडिया पर जब इस नाव हादसे की खबर देखी तो बच्चों के नाम — प्रिंस और माहि — पहचाने। पहले तो हमने सोचा कि यह हमारे परिवार से जुड़ा नहीं होगा, लेकिन फिर भारतीय दूतावास से कॉल आया और बच्चों की मौत की पुष्टि हुई। हमें बताया गया कि बृजेश कोमा में हैं और जागृति अस्पताल में हैं। हमारी बस यही प्रार्थना है कि परिवार का कोई सदस्य वहां जाकर उनसे मिल सके।”
यह घटना गुजरात के उन कई मामलों में से एक है जहां अमेरिका का सपना एक दुखद अंत में बदल गया। इससे पहले जनवरी 2022 में मेहसाणा ज़िले के डिंगुचा गांव के एक परिवार के चार सदस्य, जिनमें दो बच्चे शामिल थे, अमेरिका-कनाडा सीमा पर बर्फीले तूफान में फंसकर मारे गए थे। बृजेश का परिवार आनंदपुरा गांव का रहने वाला है, जबकि डिंगुचा हादसे के पीड़ित भी पटेल समुदाय से थे।
अनिल पटेल ने बताया, “परिवार दिवाली से कुछ समय पहले लंदन गया था। हमें कोई जानकारी नहीं थी कि वे अवैध रास्ते से अमेरिका जाने वाले हैं। बृजेश पहले सबमर्सिबल पंप का कारोबार करते थे और कोविड महामारी तक सब ठीक था। लेकिन महामारी के बाद उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ और वे कर्ज़ में डूब गए। इसके बाद क्या हुआ, हमें कुछ पता नहीं।”
उन्होंने यह भी बताया कि बृजेश अपने भाई और दो बहनों के संपर्क में थे, जो सभी गुजरात में रहते हैं, लेकिन किसी को भी इस योजना की भनक नहीं थी।
आनंदपुरा गांव के पूर्व सरपंच कला पटेल ने बताया, “परिवार कई वर्षों से अहमदाबाद में रह रहा था। हमें नहीं पता कि उन्होंने अमेरिका अवैध रूप से जाने का फैसला कब और क्यों लिया। यह बिल्कुल भी सही समय नहीं था, क्योंकि अमेरिका इन दिनों अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस भेज रहा है।”
अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय (सदर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफ़ोर्निया) के अनुसार, 5 मई को कैलिफ़ोर्निया के डेल मार बीच पर एक उलटी हुई पांगा (खुली मछली पकड़ने की नाव) देखी गई। स्थानीय लोगों और लाइफगार्ड्स ने बचाव कार्य में भाग लिया। तीन शव बरामद हुए, जिनमें प्रिंस का भी शव था। चार लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया, जिनमें बृजेश और जागृति शामिल थे। नाव में कुल 13 लोग थे; नौ अन्य शुरू में लापता थे, जिनमें माहि भी शामिल थीं। बाद में सीमा सुरक्षा एजेंसी ने आठ को खोज लिया, लेकिन माहि का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है और आशंका है कि वह समुद्र में डूब गई।
यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) ने जानकारी दी है कि इस घटना में मानव तस्करी के आरोप में पांच मैक्सिकन नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर “मृत्यु का कारण बनने वाली तस्करी” और “वित्तीय लाभ के लिए गैरकानूनी प्रवासियों को लाने” जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इनमें से एक आरोपी को पहले 2023 में अमेरिका से निकाला गया था।
अमेरिकी अटॉर्नी एडम गॉर्डन ने बयान में कहा, “इन मासूम बच्चों की मौत मानव तस्करों की क्रूरता का दर्दनाक प्रमाण है। हम इन पीड़ितों को न्याय दिलाने और दोषियों को सज़ा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
ICE के विशेष एजेंट शॉन गिब्सन ने कहा, “मानव तस्करी न केवल गैरकानूनी है बल्कि बेहद खतरनाक भी है। तस्कर लोगों को महज़ ‘सामान’ की तरह देखते हैं, जिससे ऐसी दुखद घटनाएं होती हैं। इस नेटवर्क को खत्म करना बेहद ज़रूरी है।”
गुजरात में बृजेश का पूरा परिवार इस खबर से गहरे सदमे में है। अनिल ने बताया, “उनके वृद्ध माता-पिता हमारे पास आ गए हैं। पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।”
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