गुजरात: अंगदान और इससे जुड़ी बड़ी चुनौतियाँ - Vibes Of India

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गुजरात: अंगदान और इससे जुड़ी बड़ी चुनौतियाँ

| Updated: July 21, 2022 20:07

66 साल के सूरत के मयंक पटेल खुश है वह पिछले कई साल से किडनी में क्रेटीन बढ़ने से परेशान थे , पिछले डेढ़ साल से डायलिसिस पर निर्भर थे , चिकित्सकों ने उन्हें किडनी प्रत्यारोपित कराने की सलाह दी थी लेकिन उन्हें अंगदान दाता नहीं मिल रहा था , लेकिन आखिरकार पिछले महीने गुजरात राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन ( STATE ORGAN AND TISSUE TRANSPLANT ORGANIZATION -SOTTO ) के माध्यम से ब्रेन डेड़ किडनी मिल गयी , वह खुश है , और परिवार भी।

आख़िरकार उन्हें खर्चीले और दर्दनाक डायलिसिस से छुटकारा मिल गया वह इसे अपने लिए नयी जिंदगी मानते हैं , मयंक कहते है पिछले जन्म का कोई पुण्य रहा होगा जो उन्हें 46 वर्षीय गीताबेन की किडनी मिल गयी। गीताबेन भरतभाई परमार की 12 जून को सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी।

मयंक गीता बेन को जानते भी नहीं थे , लेकिन एक ऐसा रिश्ता बन गया जिसे वह भूल भी नहीं सकते। यहा जाति और रिश्तों की सीमा भी टूट गयी।

गीता बहन की ही दूसरी किडनी बारडोली निवासी 39 साल के युवा में ट्रांसप्लांट की गयी, जिसके पास जिंदगी के कई दशक इंतजार कर रहे थे। वह पूरी तरह से निराश हो चुके थे उन्हें भी पता था कि डायलिसिस के सहारे जिंदगी लंबी नहीं चलेगी , उन्होंने दो साल पहले किडनी दान के लिए गुजरात राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन ( STATE ORGAN AND TISSUE TRANSPLANT ORGANIZATION -SOTTO ) में अपना पंजीयन कराया था। लेकिन आखिरकार उन्हें किडनी मिल ही गयी।

भारत में अंगदान की स्थिति भयावह है, 10 लाख से अधिक लोग कॉर्निया प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं, 50,000 हृदय प्रत्यारोपण के लिए लाइन में हैं, और 20,000 को फेफड़े के प्रत्यारोपण की आवश्यकता है।

भारत में अंगों की मांग और आपूर्ति के बीच एक बड़ा अंतर बना हुआ है। देश में दान की दर 0.5 प्रति मिलियन है – दुनिया में सबसे कम में से एक। इसके विपरीत, स्पेन में प्रति मिलियन निवासियों पर 36 की दान दर है जबकि जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए संख्या क्रमशः 11 और 26 है।

2012-13 की तुलना में अंग दान की दर में करीब चार गुना की बढ़ोतरी हुई है।

देश में हर साल किए गए अंग प्रत्यारोपण की कुल संख्या वर्ष 2013 में 4,990 से बढ़कर 2019 में 12,746 हो गई है और ग्लोबल ऑब्जर्वेटरी ऑन डोनेशन एंड ट्रांसप्लांटेशन (डीओडीटी) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अब पूरे विश्व में भारत अंगदान के मामले में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे पायदान पर है।

इस तरह देखें तो 2012-13 की तुलना में अंग दान की दर में करीब चार गुना की बढ़ोतरी हुई है।

डॉ प्रांजल मोदी

डोनेट लाइफ द्वारा 1013 अंगों और ऊतकों का अंगदान किया गया है, जिसमें 428 किडनी, 182 लीवर, 8 अग्न्याशय, 4 0 ह्रदय , 26 फेफड़ा ,4 हाथ और 330 आंखों के दान से कुल 931 व्यक्तियों को नया जीवन और नई दृष्टि दी गई है।

वही अहमदाबाद सिविल अस्पताल में 297 अंग दान हुए है , जो 80 मरीजों ने दिया है जिससे 230 लोगों को नई जिंदगी मिली है। जिसमे 69 लीवर , 30 किडनी, 9 पेन्क्रियाज 21 हार्ट ,6 हाथ , 9 लंग्स और 44 आँख शामिल हैं।

गुजरात राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के डॉ प्रांजल मोदी कहते हैं गुजरात में अंगदान में जागरूकता आयी है लेकिन यह जरूरत के लिहाज से कम है।

गुजरात राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के आकड़े यह भी बताते है की 54 प्रतिशत ह्रदय राज्य के बाहर प्रत्यारोपित किये गए। पिछले डेढ़ साल में 11 ह्रदय दान में मिले जिसमे 5 ही गुजरात में प्रत्यारोपित हुए बाकि चेन्नई , मुंबई ,हैदराबाद , नई दिल्ली के मरीजों में राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन ( NOTTO ) के नियमों के मुताबिक गए।

सूरत में ब्रेन डेड व्यक्ति के अंगदान से दी 5 लोगों को मिलेगी जिंदगी

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