भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (IIMA) ने सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए कैंपस के एक हिस्से का पुनर्निर्माण (reconstructed) कराने का फैसला किया है। इससे पहले पुराने कैंपस में भवनों को बहाल करने की योजना बनाई गई थी।
इसका मतलब यह होगा कि ज्यादातर डॉर्म, फैकल्टी ब्लॉक और क्लासरूम को गिरा दिया जाएगा। IIMA के निदेशक प्रो एरोल डिसूजा ने बताया कि यह फैसला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की की ताजा संरचनात्मक रिपोर्ट (latest structural report) के मद्देनजर लिया गया।
निर्णय IIMA बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा लिया गया था, जिसमें रिपोर्ट का हवाला दिया गया था। इसमें बताया गया था कि “इन इमारतों का जीवन समाप्त हो गया है और वे सुरक्षित नहीं हैं। इमारतों को मरम्मत कर जारी रखना असंभव है।” परीक्षणों ( tests) से पता चला है कि शायद ही किसी इमारत में जान बच गई है। इतना ही नहीं, वे “भूकंप के मद्देनजर सुरक्षित भी नहीं हैं।”
एरोल डिसूजा ने इस बात पर जोर दिया कि प्रतिष्ठित लुई कान प्लाजा (iconic Louis Kahn Plaza) को बरकरार रखा जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि आईआईएमए लुई कान प्लाजा में इमारत को कुछ छोटी-मोटी मरम्मत और सुधार के साथ इसे लुभावना बनाएगा।
बता दें कि विश्व प्रसिद्ध (world-famous) वास्तुकार (architect) लुई कान द्वारा डिजाइन किए गए IIMA परिसर का निर्माण 1962 और 1974 के बीच किया गया था। इसे आधुनिक वैश्विक वास्तुकला (modern global architecture) में उत्कृष्ट कृतियों (masterpieces) में से एक माना जाता है। इसमें ईंटों का काम (brickwork), कंक्रीट स्लैब, कंक्रीट लिंटल्स और कंक्रीट बीम के साथ बेजोड़ डिजाइन है।
आर्किटेक्ट्स, डिजाइनरों, इतिहासकारों, पूर्व छात्रों और महान अमेरिकी वास्तुकार लुई कान के बच्चों ने दिसंबर 2020 में डॉर्मिटरी के पुनर्निर्माण (reconstruction of dormitories) के लिए टेंडर जारी करने पर आईआईएम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।जो लुई कान की विरासत थी।
आईआईएमए कैंपस में अकादमिक ब्लॉक (academic blocks), संकाय कार्यालय (faculty offices) और पूरी तरह से सुसज्जित 33 छात्रावास (dormitories) हैं। जुलाई 1982 में भवन समिति की बैठक में सबसे पहले संरचनाओं के बिगड़ने (deterioration of the structures) के बारे में चिंता जताई गई थी। तब इमारत के टुकड़े और इमारत के कुछ हिस्सों के गिरने के मामले सामने आए थे।
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