अहमदाबाद: गुजरात आतंकवाद-रोधी दस्ते (ATS) ने बुधवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो कथित रूप से अहमदाबाद महानगर पालिका (AMC) के पार्षदों के नाम और हस्ताक्षर वाले फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र तैयार कर अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पहचान पत्र दिलवाने में मदद कर रहे थे।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राना सरकार उर्फ मोहम्मद दिदारुल आलम और शोएब कुरैशी के रूप में हुई है। तीसरे आरोपी रोबिउल इस्लाम की भी पहचान की गई है।
इन तीनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 336(2) (कूटरचना), 337 (सार्वजनिक दस्तावेजों की कूटरचना), 338 (मूल्यवान दस्तावेजों की कूटरचना), और 340(2) (कूटरचित दस्तावेजों का वास्तविक दस्तावेज की तरह उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा, इनके खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12(1)(b) और 12(2), तथा विदेशी नागरिक अधिनियम की धारा 14(a), 14(b), और 14(c) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
22 फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र बरामद
ATS द्वारा की गई कई छापेमारी में 22 फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र बरामद किए गए। ये दस्तावेज अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर ID और पासपोर्ट दिलाने के लिए उपयोग में लाए जा रहे थे। इन प्रमाण पत्रों में से 15 पर पार्षद गीता सोलंकी, 4 पर पार्षद शहजाद खान पठान, और 2 पर पूर्व पार्षद कमरुद्दीन पठान के हस्ताक्षर पाए गए।
फर्जीवाड़े का तरीका (Modus Operandi)
एक ATS अधिकारी ने बताया, “आरोपी असली प्रमाण पत्रों को हासिल कर व्हाइटनर की मदद से उसमें लिखा नाम मिटा देते थे और फिर उसकी कई रंगीन प्रतियां निकालते थे। इसके बाद उन पर अवैध बांग्लादेशी नागरिकों का नाम और फोटो चिपकाकर उसे पहचान प्रमाण पत्रों के लिए इस्तेमाल करते थे।”
अहमदाबाद के नारोल क्षेत्र में चल रहा था रैकेट
ATS को सूचना मिली कि अहमदाबाद के नारोल क्षेत्र में एक ‘VIP मोबाइल एंड मनी ट्रांसफर’ नामक दुकान से यह फर्जीवाड़ा संचालित हो रहा है। दुकान का मालिक राना सरकार बांग्लादेश के किशोरगंज, ढाका का मूल निवासी है, जो 2012 में अवैध रूप से भारत आया था। वह सिलीगुड़ी, हावड़ा, तमिलनाडु और बेंगलुरु में रहने के बाद अहमदाबाद पहुंचा। उसने 2017 में फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए भारतीय पासपोर्ट बनवाया और 2018 में दुकान शुरू की।
शोएब कुरैशी, जो राजस्थान के नवलगढ़ का रहने वाला भारतीय नागरिक है, ने 2015 में ‘अल कुरैशी एंटरप्राइज’ नामक फर्म शुरू की थी। उसके कार्यालय से 22 फर्जी प्रमाण पत्र और कंप्यूटर में 300 डिजिटल कॉपी बरामद हुई हैं। जांच में पता चला कि तीनों आरोपी अब तक 17 अवैध प्रवासियों के पासपोर्ट बनवा चुके थे, जबकि 9 के आवेदन प्रक्रियाधीन थे।
दस्तावेज़, पहचान पत्र और विदेशी ID जब्त
ATS ने राना सरकार की दुकान से कई आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर ID और बांग्लादेश का राष्ट्रीय पहचान पत्र जब्त किया है। आरोप है कि रोबिउल इस्लाम अब तक 13-14 बांग्लादेशी अवैध नागरिकों को भारत लाया था, जिनके दस्तावेज कुरैशी ने बनाए और पासपोर्ट आवेदन सरकार ने किए। फिलहाल इस्लाम दक्षिण कोरिया में है, और उसकी नागरिकता की जांच की जा रही है।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरे की आशंका
ATS का मानना है कि इस तरह के फर्जी दस्तावेज संभवतः आतंकवाद, जासूसी और कर चोरी जैसे राष्ट्रविरोधी कार्यों में भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।
राज्यभर में अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई
गुजरात पुलिस ने 26 अप्रैल को सुबह 3 बजे राज्यभर में अवैध प्रवासियों के खिलाफ अभियान शुरू किया था, जिसमें अब तक 6,500 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इनमें से सैकड़ों भारतीय नागरिकों को जांच के बाद छोड़ दिया गया। इस दौरान जिनके पास भारतीय पहचान पत्र मिले, उनकी गहन जांच जारी है।
DCP (क्राइम) अजीत राजियन ने बताया था कि कई अवैध प्रवासियों के पास भारतीय दस्तावेज मिले हैं और पुलिस अधिकारी विभिन्न राज्यों में जाकर उनके सत्यापन में जुटे हैं। केंद्र एजेंसियों की मदद से भी जांच चल रही है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले में गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी (GPCC) के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, “ATS ने कांग्रेस के दो पार्षद — गीता सोलंकी और शहजाद खान पठान, और पूर्व पार्षद कमरुद्दीन पठान के नाम लिए हैं। सरकार दूसरों को दोष देने के बजाय स्वयं जिम्मेदारी ले।”