भारत में नकद निकासी और जमा प्रणाली बुधवार यानी 26 मई से बदल गई है। केंद्र ने नकद निकालने या जमा करने के लिए पैन (स्थायी खाता संख्या) या आधार संख्या बताना अनिवार्य कर दिया है। इस महीने की शुरुआत में ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीट) ने एक अधिसूचना जारी कर कह दिया था कि अगर कोई व्यक्ति सहकारी समेत किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस से भी एक वित्त वर्ष के दौरान 20 लाख रुपये से अधिक जमा या निकासी करता है, तो उसके लिए स्थायी खाता संख्या (पैन) या आधार नंबर देना अनिवार्य होगा। यह नियम करेंट अकाउंट या कैश क्रेडिट अकाउंट खुलवाने पर भी लागू होता है।
पहले पैन कार्ड की आवश्यकता केवल एक दिन में 50,000 रुपये से अधिक नकद जमा करने के समय होती थी, लेकिन नकद जमा या निकासी की कोई वार्षिक सीमा नियम 114-बी के अनुसार कवर नहीं की गई थी। इसके अलावा, सीमा केवल बैंक में जमा राशि पर लागू थी।
अधिसूचना के मुताबिक, “स्थायी खाता संख्या या आधार संख्या जनसांख्यिकीय जानकारी या किसी व्यक्ति की बायोमेट्रिक जानकारी के साथ प्रधान आयकर महानिदेशक (सिस्टम) या आयकर महानिदेशक (सिस्टम) या अधिकृत व्यक्ति को प्रस्तुत किया जाएगा। ऐसा धारा 139ए में संदर्भित प्रमाणीकरण के प्रयोजनों के लिए है।”
टैक्स विशेषज्ञ की महत्वपूर्ण सलाह-
जो व्यक्ति इस तरह का लेनदेन करते हैं, उन्हें इन लेनदेन को करने से कम से कम 7 दिन पहले पैन के लिए आवेदन करना होगा। यदि किसी व्यक्ति के पास पहले से ही पैन है, तो 20 लाख रुपये से अधिक की नकद जमा/निकासी के लेन-देन और चालू खाता या नकद क्रेडिट खाता खोलते समय अपना पैन उद्धृत करना आवश्यक है।
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