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जहाँ चाह , वहाँ राह

| Updated: August 7, 2021 4:12 pm

मानव और प्रकृति दोनो का रिश्ता प्राचीन काल से ही अद्भुत रहा है . कहा जाए तो यह दोनो एक दूसरे के पूरक है . विश्व की हर सभ्यता का उत्थान व उद्गम प्रकृति की गोद में ही हुआ पर फिर भी ना जाने क्यूँ हम प्रकृति से दूर होते जा रहे है पर हाँ उन्ही के बीच कुछ लोग ऐसे भी है जो प्रकृति का अपनी माँ के समान ही ख़याल रखते है और उसे सुरक्षित करते है .

ऐसे ही एक पर्यावरण संरक्षक जिनका नाम है ,लोकेंद्र बलसारिया जो पेशे से आर्किटेक्ट , अर्बन प्लैनर व कॉलेज लेक्चरर रह चुके है , वे ३० वर्ष से पर्यावरण के लिए काम कर रहे है उन्होंने जून में २०१३ से ट्री वॉक एक पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम का आरम्भ किया जिसकी शुरुआत मात्र ६ लोगों से की गयी थी और अभी २१५ से भी ज़्यादा लोग इसमें जुड़े है . अनेक पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम के जुड़े रहने के साथ ही ३०००+ से अधिक वृक्षारोपण कर चुके है .इस कार्य में उनकी पत्नी रिनी बलसारिया भी सहयोग करती है .

कोविड की बात करते हुए उन्होंने बताया की ,”यह वक्त तो मानो पर्यावरण संरक्षण का सबसे अच्छा मौक़ा था जहाँ एक ओर अहमदाबाद के ही लोग हमारे साथ जुड़ पाते थे , वही कोविड के वक्त इसमें बढ़त आयी क्यूँकि वेबिनार के द्वारा देश दुनिया के कई सारे लोग हमारे साथ जुड़े।”उनके अनुसार अगर एक कदम आप प्रकृति के लिए उठायेंगे तो कई सारे लोग आपके सहयोग के लिए आगे आएँगे .प्रकृति को हमें अपनाना है , शुरुआत तो मात्र कुछ लोगों से ही होती है पर

प्रकृति की अगर हम रक्षा करेंगे तो वो हमारे लिए ही लाभकारी है ।

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