अहमदाबाद : 56 वर्षीय आचार्य विजय हंसरत्नसुरी ने रविवार को 180 दिनों का उपवास समाप्त कर लिया। इस तरह छठी बार मैराथन उपवास पूरा करने वाले वह एकमात्र जैन साधु होंगे। जैन संघ के साधु ने 13 साल की उम्र में ही मुंबई के जुहू में दीक्षा ले ली थी।
एक भिक्षु के रूप में अपने जीवन के पिछले दो दशकों में आचार्य हंसरानासुरी ने कुल 12 साल उपवास में बिताए है। ऐसा उनके शिष्यों ने कहा। उनके शिष्य मुनि पद्म कलश ने बताया, “जैन शास्त्रों के अनुसार भगवान महावीर ने 180 दिनों तक दो बार उपवास किया था। आचार्य विजय हंसरत्नसुरी एकमात्र जैन साधु हैं, जिन्होंने 180 दिनों तक पांच बार उपवास कर लिया है और 11 सितंबर को छठी बार इसे पूरा किया।”
उन्होंने कहा कि यह एक श्वेतांबर जैन साधु द्वारा निरंतर उपवास का दुर्लभ उदाहरण था। मुनि पद्म कलश ने कहा, “वह दिन में केवल 2.5 घंटे सोते हैं। बाकी दिन वह बिना किसी सहारे के ध्यान में बैठे रहते हैं। वह दिन में दो लीटर उबला हुआ पानी पीते हैं और सूरज की रोशनी से पोषण और ऊर्जा प्राप्त करते हैं।” महामारी लॉकडाउन के दौरान भिक्षु ने दो बार 180 दिनों के निरंतर उपवास को पूरा किया। उन्होंने कहा कि भिक्षु की उपवास यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने पहली बार 13 वर्षीय भिक्षु के रूप में 20 दिन का उपवास किया था।
मुनि पद्म कलश ने कहा, “उनके पास गुरु आचार्य रत्नसुंदर महाराज का आशीर्वाद है, जिन्हें 2017 में पद्मभूषण मिला था। ” उन्होंने कहा कि निरंतर उपवास के दौरान भिक्षु की नियमित जांच की गई और डॉक्टरों ने उन्हें पूर्ण स्वस्थ पाया। आचार्य विजय हंसरत्नसुरी के पिता, बड़े भाई और छोटी बहन भी साधु हैं। दीक्षा से पहले साधु कच्छ के वागड़ के अदोई गांव में रहते थे। उनके शिष्यों ने कहा कि हिंदी फिल्म उद्योग की मशहूर हस्तियां, जैसे सलमान खान और जीतेंद्र, भिक्षु से उनके वर्तमान निरंतर उपवास के दौरान मिले। मुनि पद्म कलश ने कहा, “हाल ही में एक दौरे के दौरान सलमान खान ने आचार्य से मुलाकात की। जब उन्हें बताया गया कि वह छठी बार 180 दिनों के निरंतर उपवास पर हैं, तो वह चकित रह गए।” उन्होंने कहा कि गुजरे जमाने के स्टार जितेंद्र ने भी आश्रम का दौरा किया और आचार्य विजय हंसरत्नसुरी से आशीर्वाद लिया।