सूरत: कुंकणा भाषा (Kunkana Ramayana )बोलने वाले लोगों के लिए रामायण की कहानी कुछ और है। इस भाषा में रामकथा का मतलब भगवान राम( Rama )के बजाय रावण (Ravana )की कहानी से है! इसकी शुरुआत एक युवा को केंद्र में रखकर होती है और फिर रावण Ravana के जीवन के आसपास की कई महत्वपूर्ण घटनाओं का हवाला मिलता है।
कुंकणा में कथा की शुरुआत इस बात से होती है कि कैसे एक विकलांग रावण दस सिर वाले शक्तिशाली लंका सम्राट में बदल गया। कुंकणा भाषा में रामकथा का संपादन (edit) करने वाले दह्या वधू ने कहा, “कुंकणा राम कथा में मुख्य पात्र रावण है और कहानी उसके ब्योरे से शुरू होती है। फिर इसमें बताया जाता है कि उनके नौ सिर कैसे हुए और उनकी शादी कैसे हुई।”
कहानी रावण के साथ उसके भाइयों द्वारा मजाक उड़ाने के साथ सामने आती है, जिसने उसे घर छोड़ने के लिए मजबूर किया। इस अपमान से आहत रावण ने भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए तपस्या शुरू की। रावण की वर्षों की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव उसे एक मंदिर में ले गए, लेकिन उसे एक खास कमरे में प्रवेश नहीं करने के लिए कहा गया। हालांकि, भगवान शिव की अनुपस्थिति में रावण कमरे में चला जाता है। उस कमरे में उसे अमृत रखा मिलता है। पानी जैसे दिख रहे उस अमृत को पीने से उसे नौ सिर और मिल गए।
वधू ने कुंकणा जनजाति पर विभिन्न अध्ययन परियोजनाओं (study projects) पर भी काम किया है। उन्होंने इस रामायण को देवनागरी और गुजराती लिपियों में लिखी है।
28 अन्य आदिवासी भाषाओं की तरह कुंकणा की भी मौखिक परंपरा रही है। इसकी अपनी कोई लिपि नहीं है। शोधकर्ता बताते हैं कि रामायण को आदिवासी लोगों ने अपने जीवन के अनुसार इसे और अधिक यथार्थवादी बनाने के लिए संशोधित किया था। राजपीपला स्थित बिरसा मुंडा जनजातीय विश्वविद्यालय (Tribal University) के कुलपति डॉ मधुकर पाडवी ने कहा, “कुंकणा रामायण और वारली आदिवासी समुदायों का मूल्यांकन लोककथाओं के रूप में किया जाना चाहिए। कहानी में किए गए बदलाव आदिवासी लोगों की मान्यताओं से जुड़े हैं। यह मौखिक परंपरा ) oral tradition) के रूप में पीढ़ियों से चली आ रही है। ”
अतीत में प्रदर्शन सात दिनों तक चलता था और यही मनोरंजन का मुख्य जरिया होता था। रामकथा कांस्य (bronze) प्लेट, मोम और पतली बांस की छड़ी से बने स्वदेशी संगीत वाद्ययंत्र (indigenous musical instrument) पर बजते हुए ‘छंद’ में दोहे गाते हैं। वधू ने कहा, “अब मनोरंजन के कई माध्यम उपलब्ध हैं। इसलिए एक वर्ष में इसके अब गिने-चुने ही प्रदर्शन होते हैं। विभिन्न दिलचस्प पहलुओं के बीच लक्ष्मण कई वीरता वाला काम करते हैं। पूरी राम कथा इस पहलू पर आधारित है कि रावण अपनी नौजवानी में एक विकलांग के रूप में उपहास और परेशान होने के बाद शक्तिशाली बनते हुए दुष्ट बन गया।
पीआरबी आर्ट्स और पीजीआर कॉमर्स कॉलेज, बारडोली के प्रिंसिपल डॉ. विक्रम चौधरी बताते हैं, “राम कथा की तरह आदिवासी भाषाओं में वर्णित विभिन्न रोचक कहानियां हैं। कथा रामायण के विपरीत कई अन्य महाकाव्य पात्रों (epic characters) को महत्व देती है।”