एनडीडीबी, अमूल और नेफेड ऑर्गेनिक उत्पादों के लिए नेशनल कोऑपरेटिव सोसायटी को देंगे बढ़ावा

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एनडीडीबी, अमूल और नेफेड ऑर्गेनिक उत्पादों के लिए नेशनल कोऑपरेटिव सोसायटी को देंगे बढ़ावा

| Updated: January 17, 2023 12:14

राष्ट्रीय स्तर पर जैविक खाद्य उत्पादों (organic food products) के लिए बनी नई सहकारी समिति (cooperative society) किसानों की आमदनी बढ़ाने पर ध्यान लगाएगी। इसके लिए वह राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB), अमूल और नेफेड (NAFED) समेत पांच प्रमोटरों को शामिल कर उत्पादन, प्रमाणन (certification) और मार्केटिंग में सुधार करेगी।

पिछले हफ्ते आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCEA) ने जैविक वस्तुओं (organic goods), बीजों और निर्यात के विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तीन बहु-राज्य सहकारी समितियां (multi-state cooperative societies) बनाने को मंजूरी दी थी।

2002 के मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ (MSCS) कानून के तहत एक नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक सोसायटी, एक सहकारी बीज सोसायटी (cooperative seed societ) और एक सहकारी निर्यात समिति (cooperative export society) रजिस्टर्ड की जाएगी। सूत्रों का दावा है कि नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक सोसाइटी का हेडऑफिस गुजरात के आणंद में होगा। इसकी स्थापना 500 अरब रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी (authorised share capital) की मदद से की जाएगी। इसके पास 100 करोड़ रुपये की प्रारंभिक चुकता शेयर पूंजी (initial paid-up share capital) होगी।

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC), भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (NCCF), नेफेड (NAFED), अमूल ब्रांड के तहत दुग्ध उत्पाद बेचने वाला गुजरात सहकारी दुग्ध मार्केटिंग संघ (GCMMF), और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने सोसायटी के प्रमोटर बनने में रुचि दिखाई है और सोसायटी की प्रारंभिक चुकता शेयर पूंजी (initial paid-up share capital) के लिए हरेक 20 करोड़ रुपये का योगदान देगा।

बता दें कि देश में 29 करोड़ से अधिक सदस्यों के साथ 8.54 लाख रजिस्टर्ड कोऑपरेटिव सोसाइटियां हैं। एक सूत्र ने कहा कि कोऑपरेटिव सोसायटी का उपयोग जैविक समूहों (organic clusters) और इसकी पूरी सप्लाई चेन के विकास के लिए किया जा सकता है।

2020 में वैश्विक जैविक खाद्य बाजार (global organic food market) का कुल मूल्य लगभग 10 लाख करोड़ रुपये था, और भारतीय जैविक बाजार का मूल्य लगभग 27,000 करोड़ रुपये (20,000 करोड़ रुपये घरेलू और 7,000 करोड़ रुपये निर्यात) था। वैश्विक बाजार का 40% से अधिक हिस्सा अमेरिका का है।

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जैविक बाजार का आकार सालाना 20-25% बढ़ने का अनुमान है, जबकि दुनिया भर में इस उद्योग के सालाना 15% बढ़ने का अनुमान है। दुनिया भर में 34 लाख किसानों में से 16 लाख जैविक उत्पादक हैं, जिससे भारत सबसे अधिक उत्पादकों वाला देश बन गया है। 190 देशों में 749 लाख हेक्टेयर भूमि को कवर करने वाले 34 लाख जैविक किसान (organic farmers) हैं।

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