यूपी में लोग नौकरी के लिए रिश्वत देने को तैयार, लेकिन कारोबार शुरू नहीं करेंगे: मंत्री

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यूपी में लोग नौकरी के लिए रिश्वत देने को तैयार, लेकिन कारोबार शुरू नहीं करेंगे: मंत्री

| Updated: January 21, 2023 11:03

उत्तर प्रदेश में लोग क्लर्क या सफाई कर्मचारी की नौकरी पाने के लिए लाखों की रिश्वत देने को तैयार रहते हैं, लेकिन उस पैसे का इस्तेमाल पान या मिठाई की दुकान खोलने के लिए नहीं करेंगे। यह कहना है योगी आदित्यनाथ सरकार में शहरी विकास और ऊर्जा (Urban Development and Energy) मंत्री एके शर्मा का। वह शुक्रवार को अहमदाबाद में थे। वह यहां आए उत्तर प्रदेश सरकार के उस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे, जिसने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए राज्य के उद्यमियों को आमंत्रित किया। उन्होंने शहर में एक रोड शो भी किया, जहां 40,000 करोड़ रुपये के करार किए गए। उन्होंने उत्तर प्रदेश की मार्केटिंग भारत में “सबसे अधिक उपभोक्ता और सबसे सस्ते श्रम बाजार (labour market )” के रूप में की।

उन्होंने कहा, “यूपी की संस्कृति के अनुसार लोग नौकरियों के लिए परेशान रहते हैं। छोटा हो या बड़ा, निजी हो या सरकारी, पहली प्राथमिकता नौकरी की तलाश करना है न कि खुद का कोई बिजनेस करना। क्लर्क या सफाई कर्मचारी की नौकरी पाने के लिए लोग लाखों की रिश्वत देने को तैयार हैं। लेकिन वे उस पैसे का इस्तेमाल पान, मिठाई या दर्जी की दुकान खोलने के लिए नहीं करेंगे। अगर आप यूपी आते हैं तो मुझे यकीन है कि राज्य में उद्यमिता (entrepreneurship) बढ़ेगी।’

गुजरात के एक पूर्व नौकरशाह शर्मा ने गुजराती में सभा को संबोधित किया। कहा, “हम आपके निवेश को आकर्षित करने नहीं आए हैं। हम आपको (यूपी) ले जाने आए हैं। उसी तरह, जैसे अर्जुन भगवान द्वारकाधीश को हस्तिनापुर ले गए, जिस तरह से हम नरेंद्र मोदी को वाराणसी ले गए, और जिस तरह से हम आनंदीबेन पटेल (यूपी की राज्यपाल) को लखनऊ ले गए।’

उनके साथ कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद, राज्य मंत्री जयेंद्र प्रताप सिंह राठौर और मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, जीएन सिंह और यूपी सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे। उन्होंने कहा, “यूपी देश में सबसे बड़ा बाजार प्रदान करता है। यह केवल एक उपभोक्ता बाजार के रूप में ही सीमित नहीं है। अगर आप सस्ता सामान बनाना चाहते हैं और दुनिया को इसकी सप्लाई करना चाहते हैं, तो सबसे बड़ा श्रम बाजार उत्तर प्रदेश में है।

यह बताते हुए कि 2000 के दशक की शुरुआत में गुजरात ने सूखे, चक्रवात और भूकंप का सामना कैसे किया, उन्होंने कहा- “आज उत्तर प्रदेश उसी दौर में है, जहां गुजरात ने 2001 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उड़ान भरी थी। अवसर (निवेश करने के लिए) नहीं खोना चाहिए।”

गुजरात के निवेशकों के साथ फिर से जुड़ने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा, “मैं यहां मौजूद आप सभी में से 50 फीसदी को व्यक्तिगत रूप से जानता हूं। मुझे लोगों और गुजरात के नेतृत्व से जो प्यार और सम्मान मिला है, उसे मैं भूल नहीं सकता। मुझे अपने जीवन में जो कुछ भी मिला है, उसका एक बड़ा हिस्सा गुजरात से है। उन्होंने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने में यूपी की मदद करने के लिए ज़ाइडस, टोरेंट और रिलायंस जैसी कंपनियों को भी धन्यवाद दिया।

रोड शो के दौरान जितिन प्रसाद ने कहा, “योगी आदित्यनाथ गुजरात मॉडल पर चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश वह राज्य है, जिसके बिना ब्रांड इंडिया की कहानी पूरी नहीं हो सकती। इसलिए, मैं आपसे रुचि दिखाने और बदलाव देखने का आग्रह करता हूं। ”

अहमदाबाद के 22 निवेशकों ने शुक्रवार को एक होटल में आयोजित बैठकों और रोड शो के दौरान 40,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। फार्मास्युटिकल फर्म टोरेंट फार्मा ने 25,000 करोड़ रुपये के लिए सबसे बड़े एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इसी तरह अमूल इंडिया ने यूपी के बागपत में एक नया दूध प्लांट लगाने के लिए 900 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए। नौ एमओयू 1,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक के थे।

यूपी को दूध प्रसंस्करण इकाइयों (milk processing units), डेयरी फार्म, अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (research and development lab), चरवाहों के प्रशिक्षण (training of herdsman), नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy), सोलर सिटी, फार्मा पार्क और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में निवेश प्राप्त हुआ।

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