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पोरबंदर में इको-टूरिज्म से लाभ के लिए ऑर्निथोलॉजी स्कूल की योजना

| Updated: January 29, 2023 12:41 pm

पोरबंदर के जिला कलेक्टर अशोक शर्मा ने कहा है कि प्रशासन तटीय जिले को पक्षी प्रेमियों (birdwatchers) के लिए प्रमुख आकर्षण बनाना चाहता है, जहां एक पक्षीविज्ञान स्कूल (school of ornithology) भी हो। वह शनिवार को गुजरात वन विभाग के सहयोग से बर्ड कंजर्वेशन सोसाइटी ऑफ गुजरात (BCSG) द्वारा आयोजित बर्ड काउंट पोरबंदर वेटलैंड्स (Bird Count Porbandar Wetlands), 2023 के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

शर्मा ने कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर हर जिला 2047 के लिए एक विजन पेपर तैयार कर रहा है। इसी के तहत हम पोरबंदर जिले के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार कर रहे हैं। इसका असल फोकस सामान्य रूप से पर्यटन और विशेष रूप से पर्यावरण-पर्यटन (eco-tourism) है। यहां पक्षियों की विविधता को देखते हुए हम पोरबंदर को पक्षी प्रेमियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बना सकते हैं। इसके लिए  हम पक्षीविज्ञान (ornithology) का एक स्कूल खोलने की भी योजना बना रहे हैं।”

इस साल 15 अगस्त तक केंद्र सरकार को ड्राफ्ट विजन डॉक्यूमेंट जमा करना है, जिसमें जिले के वेटलैंड्स को विकसित करने और उन्हें रामसर साइट के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का भी प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि पोरबंदर भौगोलिक क्षेत्र की दृष्टि से तुलनात्मक रूप से छोटा जिला है, लेकिन इसकी तटरेखा (coastline) 100 किलोमीटर लंबी है। दिलचस्प बात यह है कि पोरबंदर को “फ्लेमिंगो टाउन” के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इस क्षेत्र में फ्लेमिंगो के बड़े झुंड देखे जाते हैं।

शर्मा ने इन आर्द्रभूमियों (wetlands) के संरक्षण और इस गतिविधि में बच्चों को शामिल करने के लिए स्थानीय समुदायों की अधिक भागीदारी की भी अपील की।

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