मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) ने राज्य में शोधार्थियों को वित्तीय सहायता के लिए मंजूरी दे दी है। स्वीकृत प्रस्ताव की राशि 62.30 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य लगभग 6,000 शोध scholars को लाभान्वित करना है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लगभग 2,200 शोध विद्वानों (research scholars) को प्रति माह 20,000 रुपये की फेलोशिप प्रदान की जाएगी, जो पहले से ही राज्य सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहे हैं। गहलोत ने इस उद्देश्य के लिए 52.80 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी।
देश भर के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थानों और अनुसंधान संस्थानों में इंटर्नशिप, सेमिनार, कार्यशालाओं और सम्मेलनों में भाग लेने के लिए सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लगभग 3,800 शोध विद्वानों को 25,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। इस पहल के लिए मुख्यमंत्री द्वारा 9.50 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी गई है।
फेलोशिप अधिकतम दो वर्षों के लिए प्रदान की जाएगी, और कॉलेज शिक्षा विभाग इसके कार्यान्वयन की देखरेख करने वाले नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा। विज्ञप्ति में यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्य सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में इन शोधार्थियों की सहायता ली जा सकती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालयों (medical education universities) से संबद्ध शोधकर्ता या पहले से ही किसी अन्य प्रकार की फेलोशिप प्राप्त करने वाले इस वित्तीय अनुदान के लिए पात्र नहीं होंगे। इस पहल की घोषणा मुख्यमंत्री ने 2023-24 के बजट में की थी।
इस कदम के साथ, राजस्थान सरकार का उद्देश्य अनुसंधान विद्वानों (research scholars) को बहुत आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करना है, उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने और राज्य के विकास में योगदान देने के लिए सशक्त बनाना है।
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