राजस्थान सरकार ने ग्रामीण पर्यटन योजना और बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति के लिए दी मंजूरी

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राजस्थान सरकार ने ग्रामीण पर्यटन योजना और बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति के लिए दी मंजूरी

| Updated: November 25, 2022 16:49

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) की अध्यक्षता में राजस्थान कैबिनेट (Rajasthan Cabinet) ने गुरुवार को राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य सिविल सेवा (पूर्व सैनिकों का समावेश) नियमों में संशोधन सहित कई अहम फैसले लिए।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सरकार ने राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति (Rajasthan Homeless Upliftment and Rehabilitation Policy) के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

कैबिनेट ने राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना-2022 (Rajasthan Rural Tourism Scheme-2022) को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करना है।

इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन इकाइयों और ग्रामीण अतिथि गृहों, कृषि पर्यटन इकाइयों, प्रचार स्थलों और कारवां पार्कों की स्थापना से गांवों में रोजगार पैदा होगा और ग्रामीण हस्तशिल्प (rural handicrafts) की रक्षा होगी। बयान के अनुसार, “साथ ही देशी-विदेशी पर्यटक राजस्थान की ग्रामीण संस्कृति के बारे में जान सकेंगे।”

इसके अलावा, राजस्थान सरकार (Rajasthan government ) ने बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति 2022 (Homeless Upliftment and Rehabilitation Policy 2022) को भी मंजूरी दी।

बयान के मुताबिक, इस नीति के तहत प्रति व्यक्ति को कम से कम 50 वर्ग फुट जगह के साथ छत उपलब्ध कराने, साथ ही महिलाओं, मानसिक रूप से मंद लोगों और अन्य विशेष श्रेणियों के लोगों के लिए उचित गोपनीयता और सुरक्षा का प्रावधान किया गया है।

“इसके साथ ही, नीति में पीने का पानी, चिकित्सा सुविधाएं, पर्याप्त अग्नि सुरक्षा उपाय, और बेघर आश्रय चलाने जैसी बुनियादी आवश्यकताएं प्रदान करने जैसे विभिन्न प्रावधान शामिल हैं।” यह निर्णय बेघरों को शिक्षा, कौशल और रोजगार प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाएगा,” बयान में कहा गया है।

इसके अलावा, मंत्रिपरिषद ने राजस्थान सिविल सेवा (Rajasthan Civil Services) [भूतपूर्व सैनिकों का Absorption] नियम, 1998 में संशोधन करने का निर्णय लिया। इससे पूर्व सैनिकों को राज्य भर्तियों (state recruitments) में श्रेणीवार आरक्षण दिया जाएगा। इस संशोधन से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के भूतपूर्व सैनिकों को सीधी भर्ती में समग्र रूप से समानुपातिक प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। आगे कहा गया कि, पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित पदों पर पिछड़ा वर्ग (backward classes) के सामान्य उम्मीदवारों (भूतपूर्व सैनिकों को छोड़कर) का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा।

मंत्रि-परिषद ने राजस्थान कम्प्यूटर राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम, 1992 की अनुसूची-1 में संशोधन को भी स्वीकृति प्रदान की। 

इसके अनुसार प्रोग्रामर के पद के लिए 50 प्रतिशत सीधी भर्ती और 50 प्रतिशत पदोन्नति के मौजूदा प्रावधान को 40 प्रतिशत सीधी भर्ती और 60 प्रतिशत पदोन्नति में बदल दिया जाएगा। इससे सेवारत कर्मियों को उन्नति के अधिक अवसर मिलेंगे।

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