ग्रामीण गुजरात के कारण लहराया मोदीत्व का परचम

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ग्रामीण गुजरात के कारण लहराया मोदीत्व का परचम

| Updated: December 9, 2022 12:22

यह सीधे 92 में से 75 है। यह गुजरात के भीतरी इलाकों में भाजपा की स्ट्राइक रेट है। सीधे लगता है यह “rubarn” (ग्रामीण + शहरी) में मिला समर्थन है, जिसने पार्टी को भारी सफलता दिला दी। चुनाव  परिणामों की बारीकी से जांच से पता चलता है कि ग्रामीण गुजरात भाजपा की सत्ता का केंद्र बन गया है।

दरअसल, ग्रामीण गुजरात में कांग्रेस का लगभग सफाया हो चुका है। 2017 की तुलना में, जब सबसे  पुरानी पार्टी ने 50 सीटों पर जीत दर्ज की थी, इस बार वह केवल 11 सीटें ही जीत सकी। बदले में  भाजपा ने अपनी पिछली 36 सीटों की संख्या को 39 से बढ़ाकर 75 कर लिया। और यह सब कांग्रेस की कीमत पर हुआ।

कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में छिटपुट तौर पर मिलाजुला भी रहा। आप ने तीन ग्रामीण सीटों-देदियापाड़ा, घड़ियाधर और जामझोधपुर में सफलता हासिल की। ये सीटें पहले क्रमशः भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी), बीजेपी और कांग्रेस के पास थीं। बयाड और धनेरा में दो निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत हुई, जबकि कांधल जडेजा ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पोरबंदर कुटियाना जीत लिया। उन्हें एनसीपी ने इस बार टिकट नहीं दिया था।

अपने पारंपरिक शहरी केंद्रों में भाजपा ने आठ नगर निकायों के भीतर और उसके आसपास की 45 में से 42 सीटों पर जीत हासिल की।

भाजपा ने सूरत की सभी 10 और राजकोट की चार सीटों पर जीत हासिल की। इसने वडोदरा में छह में से एक और अहमदाबाद शहर में 16 में से दो सीटें गंवा भी दी।

दूसरी ओर, अहमदाबाद में कांग्रेस ने जमालपुर-खड़िया और दानिलिमदा सीट को बरकरार रखा, जबकि दरियापुर में भाजपा से हार गई। कांग्रेस को शहरी सूरत में सात, अहमदाबाद में छह, वडोदरा, जामनगर और राजकोट में दो-दो सीटें गंवानी पड़ीं।

सूरत के कटारग्राम और वराछा रोड जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर अपने बड़े नेताओं को खड़ा करने के बावजूद आप (AAP)  इस चुनाव में अपना शहरी खाता खोलने में विफल रही।

गुजरात के “रुबर्न” निर्वाचन क्षेत्रों में गांवों से घिरे छोटे और मध्यम आकार के कस्बे शामिल हैं, जहां शहरी-ग्रामीण मतदाता अनुपात 30:70 से 70:30 तक है। मेहसाणा, मोरबी, आणंद, नदियाड, पारदी, जेतपुर और सोमनाथ “रुबर्न” सीटों के अच्छे उदाहरण होंगे।

बीजेपी ने ऐसी 39 सीटें जीतीं। इस तरह उसने 2017 में जीती 25 की अपनी संख्या में 14 जोड़ और ली। कांग्रेस ने पिछली बार की 20 सीटों की तुलना में इस बार चार में ही जीत हासिल कर सकी। आप ने कांग्रेस के विसावदर और भाजपा से बोटाद सीट छीन ली है।

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