आयकर विभाग (Income Tax Department) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे और ठाणे के एक यूनिकॉर्न स्टार्टअप समूह पर हाल में छापेमारी की थी, जिसके बाद विभाग ने लगभग 224 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का पता लगाया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की ओर से रविवार को यह जानकारी दी गई.
आयकर विभाग ने एक बयान में कहा कि छापेमारी की कार्रवाई नौ मार्च को महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 23 परिसरों पर की गई.
इसमें बताया गया कि यह समूह निर्माण सामग्री की थोक और खुदरा बिक्री का काम करता है और इसका सालाना 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार है.
अब तक एक करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 22 लाख रुपये के आभूषण बरामद किए गए हैं. बयान के मुताबिक, यह पाया गया कि समूह ने खातों में फर्जी खरीदारी दर्ज की. इसके अलावा समूह ने बेहिसाबी नकदी जमा की.
सीबीडीटी ने कहा, ‘‘ये साक्ष्य सामने रखकर समूह के निदेशकों से पूछताछ की गई जिसमें उन्होंने विभिन्न आकलन वर्षों में 224 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त आय का खुलासा किया.
उन्होंने इसके बाद बकाया कर देनदारी के भुगतान की पेशकश की.”जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि समूह ने मॉरीशस मार्ग से काफी ऊंचे प्रीमियम पर शेयर जारी कर विदेशी कोष भी जुटाया. सीबीडीटी ने कहा कि मुंबई और ठाणे की मुखौटा कंपनियों के एक ‘जटिल’ हवाला नेटवर्क का भी पता चला है.
एक आयकर छापेमारी में लाखों की लागत के बावजूद क्यों गुजरात आयकर विभाग का एक पसंदीदा जगह बना हुआ है!