अहमदाबाद। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय रूपाणी का गुरुवार दोपहर अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुई एयर इंडिया की फ्लाइट में निधन हो गया। यह जानकारी गुजरात भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सी. आर. पाटिल ने दी।
68 वर्षीय विजय रूपाणी लंदन अपनी बेटी से मिलने जा रहे थे। सूत्रों के अनुसार उनकी पत्नी अंजलि जो इस समय लंदन में हैं, हादसे की सूचना मिलते ही अहमदाबाद लौट रही हैं।
मूल योजना के अनुसार, विजय रूपाणी और उनकी पत्नी अंजलि को 3 जून को एक साथ लंदन जाना था और इसके लिए दोनों के टिकट भी बुक थे। हालांकि, पंजाब के लुधियाना में उपचुनाव की घोषणा होने के कारण रूपाणी ने अपनी टिकट रद्द कर दी थी और बाद में अकेले जाने का निर्णय लिया था। वे पंजाब में भाजपा के प्रभारी थे।
सूत्रों के मुताबिक, विमान में विजय रूपाणी सीट नंबर 2D पर बैठे थे।
इस हादसे में बी. जे. मेडिकल कॉलेज के छात्र सहित 200 से अधिक यात्रियों की मौत की खबर है। कई अन्य घायल हैं और अस्पताल में इलाज चल रहा है। सिविल अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि मृतकों की संख्या 200 के पार है और यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
सी. आर. पाटिल ने मीडिया से कहा, “विजयभाई रूपाणी अब हमारे बीच नहीं रहे। भाजपा परिवार इस अपूरणीय क्षति से बेहद शोकाकुल है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति और उनके परिजनों को इस दुख की घड़ी में संबल प्रदान करें।”
विजय रूपाणी ने अगस्त 2016 से सितंबर 2021 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ इस्तीफा दे दिया था।
यह 60 वर्षों में दूसरी बार है जब गुजरात के किसी पूर्व मुख्यमंत्री की विमान हादसे में मौत हुई है। इससे पहले 1965 में बलवंतराय मेहता की एक विमान दुर्घटना में मौत हुई थी।
रूपाणी के निधन पर शोक संदेशों का सिलसिला जारी है।
पूर्व पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“अहमदाबाद के पास हुए दुर्भाग्यपूर्ण विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी जी के असामयिक निधन से गहरा दुख हुआ। उनका जनसेवा के प्रति समर्पण हमेशा याद रखा जाएगा। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।”
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने इसे “बेहद पीड़ादायक और स्तब्ध करने वाला” करार दिया। उन्होंने कहा,
“उनका निधन केवल गुजरात ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। भगवान जगन्नाथ उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिजनों व समर्थकों को इस दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति।”
विजय रूपाणी का जन्म 12 जून 1956 को म्यांमार (तब का रंगून, अब यांगून) में मयाबेन और रमणिकलाल के घर हुआ था। वह कानून में स्नातकोत्तर थे। रूपाणी अपने पीछे पत्नी अंजलि, एक पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गए हैं। उनका परिवार 1960 में म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता के कारण राजकोट आ गया था।
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उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत ABVP से की और बाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और जनसंघ से जुड़े। आपातकाल के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा था और वे संघ के प्रचारक भी रहे।
रूपाणी अपने राजनीतिक जीवन में पार्षद, राज्यसभा सदस्य और अंततः मुख्यमंत्री तक बने।
उन्हें आनंदीबेन पटेल के बाद भाजपा नेतृत्व द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया था, जब आनंदीबेन ने “75 वर्ष की आयु सीमा” का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था।
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