D_GetFile

ईयर एंडर 2022: ब्रिटेन ने ली नई करवट, सुनक बने भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री

| Updated: December 25, 2022 2:52 pm

ब्रिटेन में 2022 का अंत राजनीतिक और आर्थिक रूप से उथल-पुथल से भरा रहा। इस दौरान एक ऐसी ऐतिहासिक घटना हुई, जिसने भारतीय मूल के ऋषि सुनक को 10 डाउनिंग स्ट्रीट में देश के पहले अश्वेत प्रधानमंत्री के रूप में बैठा दिया।

42 साल के सुनक हिंदू हैं और ब्रिटिश के 200 साल के इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री भी हैं। दीपावली के मौके पर कंजर्वेटिव पार्टी के नेता चुने जाने के तुरंत बाद उन्होंने भारत के साथ मजबूत संबंध रखने का इरादा जाहिर किया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन कर कहा, “हम ब्रिटेन और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों का प्रतिनिधित्व करते हैं, और हम दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक घनिष्ठ बनाएंगे।”

पार्टीगेट स्कैंडल में फंस जाने के कारण पूर्व ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के समय दोनों देशों के बीच होने वाला फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) टल गया था। लेकिन सत्ता में आते ही सुनक ने घोषणा की कि “भारत के साथ ब्रिटेन का नया एफटीए होगा।” इसके लिए उसी महीने नई दिल्ली में छठे दौर की वार्ता का भी जिक्र किया।

बता दें कि सुनक से पहले पीएम रहीं लिज ट्रस अपनी ही नीतियों के कारण मचे राजनीतिक उथल-पुथल को देखते हुए इस्तीफा देने को मजबूर हो गई थीं। लेकिन इससे पहले उनकी गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने दोतरफा संबंधों में झटका देते हुए एफटीए पर हो रही बातचीत को खत्म कर दिया। उन्होंने भारतीयों पर “वीज़ा ओवरस्टेयर” का आरोप लगाया, जिससे तनातनी बढ़ गई।

सनक द्वारा अपनी साथी भारतीय मूल की सहकर्मी को उसी पद पर अपने मंत्रिमंडल में फिर से नियुक्त करने के साथ-साथ कुछ अच्छे कदम भी उठाए गए। इसमें प्रधानमंत्रियों सुनक और मोदी के बीच इंडोनेशिया में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में पहली बैठक के तुरंत बाद यूके-इंडिया यंग प्रोफेशनल्स स्कीम की शुरुआत की गई।

सुनक ने कहा, “मुझे खुशी है कि भारत के  प्रतिभाशाली युवाओं को अब ब्रिटेन में जीने का अधिक अवसर मिलेगा, जिससे हमारी अर्थव्यवस्थाओं और समाजों को समृद्ध बनाने के मौके मिलेंगे।” यह योजना 2023 की शुरुआत में शुरू की जाएगी। इसके तहत 18-30 वर्षीय डिग्रीधारी 3,000 भारतीयों को ब्रिटेन में रहने और काम करने के लिए सालाना दो साल तक वीजा दिया जाएगा। ऐसा ही ब्रिटिश स्नातकों के साथ भी होगा।

यह यूके में भारतीय छात्रों के लिए कई हाइलाइट्स में से एक है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के सबसे बड़े समूह के रूप में पहली बार चीन को पीछे छोड़ दिया। हालांकि, माइग्रेशन की संख्या बढ़ने के साथ  अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर शिकंजा कसने की सुगबुगाहट बढ़ रही है। कुछ शिक्षा प्रमुखों ने इसके खिलाफ चेतावनी दी है। इसलिए 2023 की निगरानी सूची में एक मुद्दा बना रहेगा।

यात्रियों के लिए तत्काल ई-वीजा की पेशकश करने वाले देशों की सूची में यूके के फिर शामिल होना दरअसल पहली मोदी-सुनक बैठक का एक और महत्वपूर्ण परिणाम था। इसकी पुष्टि ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने की।

चार्ल्स बने राजाः

ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक महारानी रहने वाली  एलिजाबेथ द्वितीय के 8 सितंबर को निधन के बाद उनके पुत्र प्रिंस चार्ल्स नए सम्राट बने। लंदन में वेस्टमिंस्टर हॉल में महारानी के अंतिम दर्शन के लिए कई दिनों तक हजारों की भीड़ लगी रही। उनके अंतिम संस्कार में भारत से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हिस्सा लिया। महारानी को विंडसर कैसल में सेंट जॉर्ज चैपल में दफनाया गया।

यूं तो चार्ल्स ने तब से ही सम्राट का काम संभालना शुरू कर दिया है। लेकिन उन्हें ताज औपचारिक रूप से 6 मई, 2023 को होने वाले एक भव्य राज्याभिषेक समारोह (coronation ceremony) में पहनाया जाएगा। उनके बेटे  प्रिंस विलियम उनके उत्तराधिकारी (heir) होंगे। इसलिए कि छोटे बेटे हैरी की पत्नी मेघना ने ‘हैरी एंड मेघन’ नामक एक नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री में नस्लवाद के नाटकीय दावे के बाद विवादों में आ गए थे। मेघन ने ब्रिटेन के शाही परिवार में नस्लवाद होने को लेकर विवादित बयान दिया था। इसके बाद हैरी अपनी पत्नी को लेकर राजपरिवार से बाहर निकल आए। तब शाही परिवार की ओर से बयान दिया गया था कि “नस्लवाद का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है।”

गीतांजलि श्री  को बुकरः

गीतांजलि श्री ने अपने हिंदी उपन्यास ‘रेत समाधि’ के लिए अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय लेखिका के रूप में इतिहास रचा। साथ ही भारत के ग्रीनहाउस-इन-द-बॉक्स टिकाऊ कृषि परियोजना ने 2022 के लिए प्रिंस विलियम का प्रतिष्ठित GBP 1-मिलियन अर्थशॉट पुरस्कार जीता।

नीरव मोदी पर कसा शिकंजाः

इस बीच, धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में भारत में वांछित आर्थिक अपराधियों को प्रत्यर्पित करने की चल रही लड़ाई ब्रिटेन की कानूनी सिस्टम के माध्यम से धीरे-धीरे आगे बढ़ी।

भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी भारत में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के साथ 2 बिलियन डॉलर के घोटाले का आरोपी है। दिमागी हालत ठीक नहीं होने के आधार पर वह प्रत्यर्पण (extradition) के खिलाफ एक बड़ी अपील हार गया। अब अगले महीने तक उसका प्रत्यर्पण होने वाला है। हालांकि, अगर मोदी यूरोप में मानवाधिकारों की अपील करता है या शरण के लिए आवेदन करता है, तो इसमें देरी की उम्मीद हो सकती है। जैसा कि किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख विजय माल्या के मामले में हुआ है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह ब्रिटेन की गोपनीय शरण प्रक्रिया (confidential asylum process) में फंस गया है।

बहरहाल कोलिन्स डिक्शनरी का वर्ड ऑफ द ईयर  “पर्माक्रिसिस” 2022 का सबसे अच्छा वर्णन करता है, जो अस्थिरता और असुरक्षा की भावना से भरा रहा। खासकर यूक्रेन युद्ध और कोविड महामारी के बाद के कारण मचे उथल-पुथल के लिए।

और पढ़ें: गुजरात में बड़ी आदिवासी जीत के बाद, भाजपा प्रमुख रोजगार योजना को बढ़ा रही आगे

Your email address will not be published. Required fields are marked *