- सीए. अध्यापक, डॉक्टर और पीएचडी डिग्रीधारी हुए प्रशिक्षित
मर्चेंट कॉलेज बासणा, मेहसाणा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चल रहे संघ शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) का सार्वजनिक समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कुल 280 शिक्षार्थी ने वर्ग पूर्ण किया है। जिसमें 173 विद्यार्थी और 107 व्यवसायी स्वयंसेवकों ने भाग लिया। सीए. अध्यापक, डॉक्टर और पीएचडी तक की पढाई वाले स्वयंसेवक इस वर्ग में सम्मिलित हुए थे।
विशिष्ट अतिथि डा. शैलेशभाई सुतारिया ने कहा, “सनातन संस्कृति और सनातन धर्म क्या है? यहसंघ में शामिल होने से सीखा जाता है। “
मुख्य वक्ता उर्जितभाई शुक्ल ने अपने प्रवचन में कहा कि स्व के आधीन हुए, स्वराज मिला लेकिन अब स्व की व्यवस्था स्थापित करने की जरूरत है। देश आज स्वाधीन है लेकिन शिक्षा, कानून, न्याय और व्यवस्था में ‘स्व’ का तंत्र है क्या ? भारत की भारतीयता को फिर से स्थापित करने की आवश्यकता है।
आज सभी को स्वयं जागकर किसी भी जाति , मत, पंथ और संप्रदाय के भेद को खत्म करना है। आज समाज का हर घटक सोचे कि पर्यावरण की रक्षा करने में मेरी क्या भूमिका है? क्योंकि भारतीय संस्कृति शोषण की नहीं, दोहन की संस्कृति है। साथ ही, उन्होंने पारिवारिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए परिवार और कुटुंब के मार्मिक भेद को समझाया। इस कार्यक्रम को 4000 लोगों ने देखा। इस कार्यक्रम मे हरेशभाई ठक्कर, डॉ. भरतभाई पटेल और प्रकाशभाई पटेल उपस्थित थे।
कुल 280 शिक्षार्थी ने वर्ग पूर्ण किया है। जिसमें 173 विद्यार्थी और 107 व्यवसायी स्वयंसेवकों ने भाग लिया। सीए. अध्यापक, डॉक्टर और पीएचडी तक की पढाई वाले स्वयंसेवक इस वर्ग में सम्मिलित हुए थे।