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‘सभी भारतीयों को बाहर निकालो वरना 2026 में होंगे हमले’: अमेरिकी पत्रकार ने उगला जहर, बोला..

| Updated: December 27, 2025 13:19

'Deport Every Indian': अमेरिकी पत्रकार ने कहा- 2026 में होंगे हिंदू मंदिरों पर हमले, जान बचानी है तो सबको देश से निकालो

वॉशिंगटन: अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के खिलाफ नफरत और नस्लभेदी टिप्पणियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच, एक अमेरिकी पत्रकार और दक्षिणपंथी कार्यकर्ता, मैट फोर्नी (Matt Forney) ने भारतीयों के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और भड़काऊ बयान दिया है। फोर्नी ने चेतावनी दी है कि साल 2026 में अमेरिका में भारतीयों और हिंदू मंदिरों पर लक्षित हमले (Targeted Attacks) किए जाएंगे।

उसने यह भी कहा कि इन हमलों से बचने का एकमात्र तरीका यह है कि सभी भारतीय-अमेरिकियों को अमेरिका से डिपोर्ट (निर्वासित) कर दिया जाए।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, जिसे अब डिलीट कर दिया गया है, फोर्नी ने भारतीयों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा की भविष्यवाणी की और “Deport Every Indian” (हर भारतीय को बाहर निकालो) का नारा दिया।

2026 में हिंसा और मंदिरों पर हमलों की चेतावनी

मैट फोर्नी ने अपनी विवादित पोस्ट में दावा किया कि अमेरिका में भारतीयों के प्रति नफरत 2026 में अपने चरम पर होगी। उसने लिखा कि भारतीय मूल के लोगों को हिंसा के लिए विशेष रूप से निशाना बनाया जाएगा। उसने भविष्यवाणी की कि भारतीय स्वामित्व वाले व्यवसायों में तोड़फोड़ की जाएगी और हिंदू मंदिरों को बम विस्फोटों और मास शूटिंग (अंधाधुंध गोलीबारी) जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ेगा।

हैरान करने वाली बात यह है कि फोर्नी ने दावा किया कि ये हमले श्वेत अमेरिकियों द्वारा नहीं, बल्कि अफ्रीकी-अमेरिकी, हिस्पैनिक और पाकिस्तानी मूल के नागरिकों जैसे अल्पसंख्यक समूहों द्वारा किए जाएंगे। उसने यह भी आरोप लगाया कि मीडिया इन “हेट क्राइम्स” (घृणा अपराधों) को छिपाएगा और इसका दोष ‘मागा’ (MAGA) समर्थकों और डोनाल्ड ट्रम्प पर मढ़ देगा।

खुद को “अमेरिका में शांति चाहने वाला” बताते हुए, फोर्नी ने तर्क दिया कि देश में सद्भाव बनाए रखने और भारतीयों की जान बचाने के लिए सामूहिक निर्वासन ही एकमात्र विकल्प है। उसने लिखा, “हमें DEI करना चाहिए: यानी ‘डिपोर्ट एवरी इंडियन’ (Deport Every Indian)।”

विवाद बढ़ने पर पोस्ट की डिलीट

फोर्नी की इस पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी। विवाद बढ़ता देख उसने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी और सफाई दी कि उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि भारतीय उसे बड़े पैमाने पर रिपोर्ट कर रहे थे। हालांकि, कई यूजर्स ने उसकी पोस्ट का स्क्रीनशॉट ले लिया था और उसे कमेंट सेक्शन में साझा करते हुए उसकी असलियत उजागर कर दी।

सोशल मीडिया पर लोगों ने फोर्नी को “कायर” बताया और आरोप लगाया कि वह कोडेड भाषा का इस्तेमाल कर हिंसा भड़का रहा है। एक यूजर ने एफबीआई (FBI) को टैग करते हुए मांग की कि हिंसा भड़काने के लिए फोर्नी को “एकांत कारावास” में रखा जाना चाहिए। साथ ही, भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) को भी टैग किया गया और सुझाव दिया गया कि उसके खिलाफ इंटरपोल नोटिस जारी किया जाए।

नफरत फैलाने का पुराना इतिहास

मैट फोर्नी का भारतीयों के खिलाफ जहर उगलने का यह कोई पहला मामला नहीं है। वह पहले अमेरिकी समाचार संगठन ‘द ब्लेज’ (The Blaze) में काम करता था, जहाँ उसे एच-1बी (H-1B) वीजा कार्यक्रम और भारतीय मुद्दों पर रिपोर्टिंग के लिए रखा गया था। लेकिन, उसकी नफरत भरी टिप्पणियों के कारण उसे नौकरी से निकाल दिया गया था।

हाल ही में, उसने भारतीय-अमेरिकी कृति पटेल गोयल (Kruti Patel Goyal) को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ‘एट्सी’ (Etsy) का सीईओ नियुक्त किए जाने पर भी नस्लभेदी टिप्पणी की थी। उसने लिखा था, “एक और अयोग्य भारतीय ने अमेरिकी कंपनी पर कब्जा कर लिया है। मैं गारंटी देता हूं कि उसका पहला काम हर अमेरिकी को नौकरी से निकालना और उनकी जगह भारतीयों को रखना होगा। DEI: डिपोर्ट एवरी इंडियन।”

चिंताजनक आंकड़े: भारतीय विरोधी नफरत में वृद्धि

अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों और तकनीक के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों (विशेषकर H-1B वीजा धारकों) के खिलाफ बयानबाजी में तेजी आई है। नवंबर 2025 की सीएनएन (CNN) की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ ऑर्गेनाइज्ड हेट’ (Center for the Study of Organized Hate) के शोधकर्ताओं ने पिछले एक साल में ‘एक्स’ पर भारत विरोधी भावनाओं में भारी उछाल दर्ज किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सेंटर ने केवल अक्टूबर महीने में ही भारतीयों और भारतीय-अमेरिकियों के खिलाफ नस्लवाद और जेनोफोबिया (विदेशी लोगों के प्रति नफरत) को बढ़ावा देने वाली लगभग 2,700 पोस्ट रिकॉर्ड कीं। डोनाल्ड ट्रम्प के चुनावी अभियान और व्हाइट हाउस में उनकी वापसी के बाद से चरमपंथी आवाजें और अधिक आक्रामक हो गई हैं, जो भारतीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है।

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