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अहमदाबाद 2008 सीरियल ब्लास्ट के 49 दोषियों को सजा 18 को

|अहमदाबाद | Updated: February 15, 2022 5:45 pm

अहमदाबाद ब्लास्ट केस में सेशंस कोर्ट जज ए आर पटेल ने 8 फरवरी को फैसला सुनाते हुए 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने 77 में से 28 आरोपियों को बरी कर दिया था. इस मामले में अब 49 दोषियों की सजा पर बहस पूरी हो चुकी है. अदालत 18 फरवरी को सजा का एलान किया है।

अहमदाबाद 2008 सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषियों की सजा पर बहस पूरी हो चुकी है.अब विशेष कोर्ट इस मामले में 18 फरवरी को सजा सुनाएगा.

अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से सभी दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग की है.

वहीं बचाव पक्ष ने कम से कम सजा की अपील कोर्ट से की.

अहमदाबाद ब्लास्ट केस में सेशंस कोर्ट जज ए आर पटेल ने 8 फरवरी को फैसला सुनाते हुए 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था.

कोर्ट ने 77 में से 28 आरोपियों को बरी कर दिया था.

इस मामले में अब 49 दोषियों की सजा पर बहस पूरी हो चुकी है. अदालत 18 फरवरी को सजा का एलान किया है.

कोर्ट इस मामले में 18 फरवरी को सजा सुनाएगा.

आज हुई बहस के दौरान बचाव पक्ष ने दोषियों के लिए कम से कम सजा की मांग की है.

अभियोजन पक्ष ने सभी दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग की है.

बता दें कि साल 2008 में अहमदाबाद में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे.

इस घटना में 56 लोगों की मौत हो गई थी, साथ ही 200 लोग घायल हो गए थे.

दिल दहलादेने वाली ये घटना 26 जुलाई 2008 को हुई थी.

26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में हुए सिलसिलेवार 21 बम धमाकों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

इन धमाकों की गूंज से हर कोई सहम गया था.

एक घंटे में हुए थे 21 धमाके


इस सीरियल ब्लास्ट मामले में 2 फरवरी को फैसला सुनाया जाना था.

स्पेशल कोर्ट के जज एआर पटले कोरोना संक्रमित हो गए थे.

इस वजह से फैसला 8 फरवरी तक टल गया था.

26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में महज एक घंटे के भीतर सिलसिलेवार 21 बम धमाके हुए थे.

इस मामले में अहमदाबाद पुलिस ने 20 FIR दर्ज की थीं.

वहीं सूरत में 15 और एफआईआर भी दर्ज की गई थीं.

इन बम धमाकों में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने सभी आतंकियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे.


धमाकों में 56 लोगों की गयी थी जान ,200 से अधिक हुए थे घायल


26 जुलाई, 2008 को 70 मिनट के भीतर अहमदाबाद शहर में हुए 21 बम विस्फोटों में कम से कम 56 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक घायल हो गए थे।

अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में पुलिस ने दावा किया था कि आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम), कट्टरपंथियों का एक गुट है।

इन धमाकों में प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) शामिल था।


आरोपी बना सरकारी गवाह


उनमें से एक के सरकारी गवाह बनने के बाद आरोपियों की संख्या घटकर 77 हो गई।

वरिष्ठ सरकारी वकील ने कहा कि बाद में चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

लेकिन उनका मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है।

अभियोजन पक्ष द्वारा 1,100 से अधिक गवाहों का परीक्षण किया गया।

आरोपियों पर हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप हैं.

उन पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

19 दिन में 30 आतंकी भेजे गए थे जेल


उस दौरान राज्य के मौजूदा DGP आशीष भाटिया के नेतृत्व में तेज तर्रार अफसरों की एक टीम बनाई गई थी.

उस दौरान देश के तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह भी अहमदाबाद दौरे पर पहुंचे थे.

बता दें कि 28 जुलाई 2008 को ब्लास्ट मामले की जांच के लिए पुलिस की एक टीम बनाई गई थी.

सिर्फ 19 दिन के भीतर पुलिस ने 30 आतंकियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

इसके बाद बाकी आतंकियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.

अहमदाबाद में हुए इन धमाकों से पहले आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन की इसी टीम ने जयपुर और वाराणसी में धमाकों को अंजाम दिया था

.गुजरात सत्र न्यायालय ने 2008 में अहमदाबाद में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट के 78 आरोपियों में से 49 को दोषी ठहराया था। जिनकी सजा पर सुनवाई 11 फरवरी को होगी .

अदालत ने मामले में कुल 28 आरोपियों को संदेह के आधार पर बरी कर दिया था , गुरुवार को दोषियों को सजा सुनाई जानी थी .

आरोपी के वकील ने धारा 354 (3 ) के तहत याचिका दायर कर तीन सप्ताह की मांग की .

तीन सप्ताह ज्यादा समय है , की दलील देते हुए मुख्य सरकारी वकील ने विरोध किया ,जिसके बाद अदालत ने 11 फरवरी को अगली सुनवाई तय की है


इन धाराओं में हुयी आरोपियों को सजा

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49 आरोपियों को आईपीसी की धारा 302, 307, 326, 427, 435, 465, 468, 471, 212, 121 (ए), 124 (ए), 153 ए (1), 201, 120 बी34, 109 के तहत दोषी ठहराया गया था.

गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 10, 13, 16 (1) (ए) (बी), 18, 19, 20 23, 38, 39, 40 के तहत दोषी पाया गया है.

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इन धाराओं में हुयी आरोपियों को सजा


अहमदाबाद ब्लास्ट के 49 आरोपियों को आईपीसी की धारा 302, 307, 326, 427, 435, 465, 468, 471, 212, 121 (ए), 124 (ए), 153 ए (1), 201, 120 बी34, 109 के तहत दोषी ठहराया गया था.

गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 10, 13, 16 (1) (ए) (बी), 18, 19, 20 23, 38, 39, 40 के तहत दोषी पाया गया है.

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