वरिष्ठ लिपिक पेपर लीक मामले में प्रदेश गुजरात सेवा चयन बोर्ड परिषद के अध्यक्ष आसित वोरा की गिरफ्तारी समेत विभिन्न मामलों को लेकरआम आदमी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश प्रभारी तथा दिल्ली के विधायक गुलाब यादव के साथ उपवास पर बैठे पाटीदार समाज के अग्रणी तथा आप नेता महेश सवाणी ने संत समाज तथा युवाओं के आग्रह पर उपवास तोड़ दिया | अब सड़क पर संघर्ष को अंजाम दिया जायेगा | गुजरात आम आदमी के प्रभारी गुलाब यादव ने भी उपवास तोड़ दिया है | गौरतलब है कि महेश सवाणी की तबीयत अचानक ख़राब होने से उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था , गत रोज एसवीपी अस्पताल में अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष नौतम स्वामी, मोहनदास जी महाराज ,भारती बापू ने अस्पताल में जाकर महेश सवाणी से उपवास तोड़ने का आग्रह किया था जिसके तहत आज सुबह तीनों संतों की उपस्थिति में उन्होंने उपवास तोड़ दिया | विदित हो कि सवाणी पिछले कई दिनों से उपवास पर बैठे थे , रूटीन जाँच के दौरान उनका मधुचाप काम हो गया जिससे उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था | इसके पहले सोमवार को भी कांग्रेस के तीन पाटीदार विधायकों, एनसीपी की महिला नेता रेशमा पटेल , अहमदाबाद के पार्षद ने आम आदमी पार्टी के उपवास स्थल की मुलाकात कर अपना समर्थन जारी कियाथा | तीनो विधायक पटेल समाज के थे | पेपर लीक मामले में भाजपा कार्यालय में विरोध प्रदर्शन के कारण आप के प्रदेश प्रमुख गोपाल इटालिया ,ईशुदान गढ़वी समेत 93 गिरफ्तार हुए थे ,जो फिलहाल जमानत का इंतजार कर रहे हैं | जिसके बाद आप के गुजरात प्रभारी गुलाब यादव तथा महेश सवाणी उपवास पर कलेक्टर कार्यालय पर आमरण अनशन की कोशिश की लेकिन वंहा अनुमति नहीं मिलने के कारण आम आदमी पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर ही उपवास पर बैठने का निर्णय किया था | कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष परेश धनाणी ने भी उपवास स्थल पर जाकर उनसे मुलाकात की थी |
सरकार की उपेक्षा नीति हुयी कामयाब
किसी आंदोलन को कमजोर करने का सबसे अच्छा” मोदी नुस्खा ” आंदोलन को उपेक्षित करना है , देश के ज्यादातर आंदोलन का सामना उन्होंने इसी तरह किया और एक समय के बाद आंदोलनकारी थक जाते है , समय के साथ मीडिया की दिलचस्पी भी कम हो जाती है ,जिससे आंदोलन प्रभावहीन हो जाता है , हालांकि किसान आंदोलन इसका अपवाद रहा लेकिन मामला संवेदनशील होने के बावजूद आम आदमी पार्टी के पास ना तो संसाधन थे और ना ही संगठन |
जनसमर्थन का भी रहा अभाव
उपवास स्थल अहमदाबाद था , लेकिन आम आदमी का गढ़ सूरत है , गोपाल इटालिया , ईशुदान गढ़वी , समेत आप आदमी पार्टी की अहमदाबाद इकाई लगभग जेल में है इसलिए उपवास स्थल पर जो मजमा जमना चाहिए वह भी नहीं बन रहा था , महेश सवाणी के अस्पताल में भर्ती होने के बाद गुलाब यादव अकेले पड़ गए थे , ऐसे में रणनीति में बदलाव जरुरी हो गया था |
आप ने बना ली विपक्ष की भूमिका
मुख्य विपक्षी दल भले ही कांग्रेस हो ,लेकिन पेपर लीक मामले में आम आदमी पार्टी के आक्रमक रुख के कारण बढ़त हासिल कर ली है , जब कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा राजीव भवन में आगामी संगठनात्मक सुधार के मंथन में लगे थे ,तब आम आदमी पार्टी पार्टी सड़क पर थी ,लेकिन शुरूआती बढ़त के बाद मुद्दे को जमीन तक ले जाने का विकल्प बदलने की जरुरत थी |
सड़क पर आंदोलन की तैयारी
इस मामले को सबसे पहले उजागर करने वाले और आम आदमी पार्टी से जुड़े युवराज सिंह ने कहा हमारे वरिष्ठ नेता लड़ाई लड़ रहे है , हमने उनसे आग्रह किया है कि लड़ाई लड़ना हमारा काम है , पास की सूरत इकाई के अल्पेश कथिरिया और धार्मिक मालवीया ने भी महेश सवाणी से गतरोज मुलाकात की थी , कांग्रेस के भी पटेल नेता संपर्क में है ,ऐसे में आंदोलन को अब सड़क पर ले जाने की रणनीति बनायीं जा रही है , आप का चेहरा बने गोपाल इटालिया ,ईशुदान गढ़वी की जमानत का इंतजार किया जा रहा है | जिनकी जमानत याचिका पर अदालत ने आज फैसला सुरक्षित रखा है ,कल फैसला सुनाया जायेगा |
बड़े आंदोलन के सहारे केजरीवाल को इस आंदोलन में शामिल करने की तैयारी हो रही है , साथ ही आंदोलन में अब युवाओं की भागीदारी भी बढ़ना तय किया गया है , अगर आप की रणनीति कामयाब रही तो एक बार फिर गुजरात में आंदोलन की भूमिका तैयार कर ली गयी है | अब अगर कोरोना इसमें बाधक ना बने तो |
आप नेता महेश सवाणी, गुलाब यादव ने तोडा उपवास , सड़क पर संघर्ष की तैयारी
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