नई दिल्ली — पूर्वोत्तर भारत की आर्थिक तस्वीर बदलने वाला एक ऐतिहासिक एलान करते हुए अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने अगले 10 वर्षों में इस क्षेत्र में 1 लाख करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है। यह घोषणा नई दिल्ली में आयोजित राइजिंग नॉर्थईस्ट ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में की गई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री, और देश-विदेश के शीर्ष उद्योगपति एवं नीति-निर्माता मौजूद थे।
यह निवेश “एडवांटेज असम 2.0 समिट” में तीन महीने पहले घोषित 50,000 करोड़ रुपए के निवेश से दोगुना है। इस राशि का उपयोग ग्रीन एनर्जी, पावर ट्रांसमिशन, सड़क और राजमार्ग, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जाएगा।
अपने मुख्य भाषण में अडानी ने कहा, “हमारा फोकस स्मार्ट मीटर, जल विद्युत, पंप स्टोरेज, पावर ट्रांसमिशन, सड़क एवं राजमार्ग, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और कौशल विकास केंद्रों की स्थापना पर रहेगा।”
उन्होंने मोदी सरकार के तहत पूर्वोत्तर में हो रहे तेजी से बदलाव की सराहना करते हुए कहा कि 2014 से अब तक ₹6.2 लाख करोड़ का निवेश हो चुका है, सड़क नेटवर्क 8,000 किलोमीटर से बढ़कर 16,000 किलोमीटर हो गया है, और क्षेत्र में चालू हवाई अड्डों की संख्या 9 से बढ़कर 18 हो गई है।
अडानी ने प्रधानमंत्री मोदी की ‘Act East, Act Fast, Act First’ नीति को क्षेत्रीय पुनर्जागरण का महत्वपूर्ण प्रेरक बताया। उन्होंने कहा, “यह केवल एक नीति नहीं है, बल्कि यह आपके दूरदर्शी नेतृत्व का प्रतीक है।”
अडानी ग्रुप का यह प्रयास केवल बुनियादी ढांचे तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह जन-केन्द्रित विकास मॉडल को अपनाएगा। अडानी ने कहा, “हम केवल इंफ्रास्ट्रक्चर में ही नहीं, बल्कि लोगों में निवेश करेंगे।” उन्होंने रोजगार सृजन, उद्यमिता और सामुदायिक भागीदारी पर विशेष जोर दिया।
अपने भाषण के अंत में अडानी ने भारत को विकसित राष्ट्र 2047 बनाने के राष्ट्रीय लक्ष्य के प्रति समूह की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, “पूर्वोत्तर के भाइयों और बहनों, अडानी ग्रुप आपके सपनों, आपकी गरिमा और आपके भविष्य के साथ खड़ा रहेगा।”
इस घोषणा के साथ अडानी ग्रुप पूर्वोत्तर भारत के आर्थिक परिवर्तन में एक प्रमुख निजी क्षेत्रीय भागीदार के रूप में उभर कर सामने आया है, जो विकास और समावेशी प्रगति के लिए आवश्यक क्षेत्रों में दीर्घकालिक प्रभाव डालेगा।
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