अहमदाबाद — देश की सबसे बड़ी निजी थर्मल पावर निर्माता कंपनी अडानी पावर लिमिटेड (APL) ने वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) के शानदार नतीजे घोषित किए हैं। कंपनी ने चालू परिचालन से 21.4% की बढ़त के साथ 13,926 करोड़ रुपए का कर पूर्व लाभ (PBT) दर्ज किया है। यह उपलब्धि ऊंची विद्युत मांग, बढ़ी हुई क्षमता और ईंधन लागत में गिरावट के चलते हासिल हुई है।
कंपनी का चालू परिचालन से राजस्व 10.8% की वृद्धि के साथ 56,473 करोड़ रुपए रहा, जबकि EBITDA 14.8% बढ़कर 21,575 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। पूरे वित्त वर्ष में बिजली उत्पादन 19.5% की वृद्धि के साथ 102.2 अरब यूनिट (BU) रहा, जो पिछले वर्ष FY24 में 85.5 BU था।
रणनीतिक अधिग्रहणों से बढ़ा उत्पादन
अडानी पावर की स्थापित उत्पादन क्षमता FY24 में 15,250 मेगावाट से बढ़कर FY25 में 17,550 मेगावाट हो गई। यह वृद्धि मोक्सी पावर जनरेशन लिमिटेड (1,200 मेगावाट), कोरबा पावर लिमिटेड (600 मेगावाट) और अडानी डहाणू थर्मल पावर स्टेशन (500 मेगावाट) के अधिग्रहण से हुई। कंपनी की विद्युत बिक्री FY25 में 20.7% की वृद्धि के साथ 95.9 BU तक पहुंच गई।
कंपनी के सीईओ श्री एस. बी. ख्यालिया ने कहा:
“अडानी पावर ने FY25 में अब तक का सर्वोच्च प्रदर्शन दर्ज किया है, जो अडानी पोर्टफोलियो की मजबूती और लचीलापन दर्शाता है। हम सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और आने वाले वर्षों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन जारी रखेंगे।”
चौथी तिमाही (Q4 FY25) का प्रदर्शन
Q4 FY25 में अडानी पावर का कुल चालू राजस्व 14,522 करोड़ रुपए रहा, जो Q4 FY24 की तुलना में 5.3% अधिक है। हालांकि, नए संयंत्रों के संचालन से बढ़ी लागत और कम टैरिफ के चलते EBITDA घटकर 5,098 करोड़ रुपए रहा। इस अवधि में PBT 3,248 रुपए करोड़ रहा, जो अधिक मूल्यह्रास लागत से प्रभावित रहा।
प्रमुख घटनाक्रम
- APJL का विलय: अडानी पावर (झारखंड) लिमिटेड का कंपनी में विलय कर दिया गया है, जिससे गोड्डा जिले का 1,600 मेगावाट का संयंत्र अब APL का प्रत्यक्ष हिस्सा बन गया है।
- VIPL अधिग्रहण: विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड (600 मेगावाट) के लिए अडानी पावर की समाधान योजना को ऋणदाताओं ने मंजूरी दी है, और अब NCLT की स्वीकृति का इंतजार है।
- क्रेडिट रेटिंग: कंपनी को CRISIL, इंडिया रेटिंग्स, CARE और ICRA से ‘AA; स्टेबल’ रेटिंग प्राप्त हुई है।
विस्तार योजना
अडानी पावर ने वर्ष 2030 तक अपनी उत्पादन क्षमता को 17,550 मेगावाट से बढ़ाकर 30,670 मेगावाट करने की योजना बनाई है। इसमें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तीन 1,600 मेगावाट के ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट शामिल हैं। इसके अलावा कोरबा पावर प्रोजेक्ट (1,320 मेगावाट) का पुनरुद्धार भी किया जा रहा है।
कंपनी ने 11,200 मेगावाट की मुख्य संयंत्र उपकरणों के लिए अग्रिम ऑर्डर दिए हैं, जिससे प्रोजेक्ट डिलिवरी में किसी तरह की बाधा से बचा जा सके।
ESG और सतत विकास
कंपनी ने पर्यावरणीय और सामाजिक मोर्चों पर भी महत्वपूर्ण प्रगति की:
- FY25 में जल खपत की तीव्रता घटकर 2.21 m³/MWh रही।
- फ्लाई ऐश उपयोग दर 102% रही।
- S&P Global के कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी मूल्यांकन में स्कोर 67/100 रहा, जो वैश्विक औसत से कहीं बेहतर है।
- CSRHub ESG रेटिंग में 88% स्कोर मिला।
- कंपनी को ‘टाइम्स नाउ सस्टेनेबल ऑर्गनाइजेशन 2024’ समिट में सम्मानित किया गया।
मजबूत वित्तीय स्थिति
FY25 के अंत तक कंपनी के शेयरधारकों की कुल निधि 56,347 करोड़ रुपए हो गई, जो FY24 में 43,145 करोड़ रुपए थी। नेट टोटल कर्ज 31,023 करोड़ रुपए रहा, जो अधिग्रहण और कार्यशील पूंजी जरूरतों के चलते बढ़ा। फिर भी, कंपनी का नेट कर्ज प्रति मेगावाट मात्र 1.77 करोड़ रुपए है, जो इसे कम कर्ज वाली बिजली उत्पादक कंपनी बनाता है।
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