अहमदाबाद: 631.5 करोड़ रुपये की संदिग्ध जमा राशि पर छह के खिलाफ मामला दर्ज

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अहमदाबाद: 631.5 करोड़ रुपये की संदिग्ध जमा राशि पर छह के खिलाफ मामला दर्ज

| Updated: August 31, 2022 10:44

अहमदाबाद: करीब डेढ़ साल बाद आयकर विभाग ने बैंकों में जमा 631.50 करोड़ रुपये की संदिग्ध जमा राशि के लिए छह लोगों को नोटिस जारी किया है। घाटलोदिया पुलिस ने उन पर धोखाधड़ी करने और बेईमान लेनदेन से केंद्र सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया है।

पुलिस ने यह जांच घाटलोदिया निवासी धारक पटेल द्वारा जनवरी 2021 में शहर के पुलिस आयुक्त संजय श्रीवास्तव से की गई धोखाधड़ी की शिकायत पर शुरू की है।

धारक ने आरोप लगाया कि मेमनगर निवासी उनके चचेरे भाई रुतुल पटेल ने उंझा एपीएमसी (कृषि उपज मंडी समिति) का फर्जी एजेंट कार्ड बनाकर दिया था।  उसे सौंफ और जीरा की बिक्री पर अच्छा कमीशन देने का वादा किया और बेईमान लेनदेन के लिए अपने बैंक खाते का इस्तेमाल किया।

जांच में पुलिस ने पाया कि धारक को भी इस धोखाधड़ी की जानकारी थी। इसलिए सोमवार को घाटलोदिया पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में भी उन्हें आरोपी बनाया गया। घाटलोडिया थाने के इंस्पेक्टर वाईआर वाघेला ने प्राथमिकी में कहा कि रुतुल ने फरवरी 2020 में उंझा एपीएमसी में प्रति एक करोड़ रुपये की बिक्री पर 10,000 रुपये का कमीशन देने का वादा किया था। रुतुल ने कथित तौर पर धारक के पहचान दस्तावेज प्राप्त किए और उन्हें एपीएमसी एजेंट कार्ड भेजा। पुलिस ने कहा कि बाद में धारक को अज्ञात स्रोतों से उसके बैंक खाते में 129.95 करोड़ रुपये मिले।

इसी तरह, रुतुल ने अगस्त 2020 में थलतेज के योगेश मोदी और उदय मेहता से मुलाकात की। उन्हें भी उंझा एपीएमसी के लिए एजेंट बनने पर राजी किया। रुतुल ने कथित तौर पर उनके लिए जाली कार्ड बनाए और बाद में योगेश के खाते में 241.41 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। पुलिस के मुताबिक, योगेश और उदय ने मांगा, तो उन्हें पैसे दिए गए। रुतुल ने बाद में अपने दो सहयोगियों चिन्मय पटेल और मौलिक पारेख के नाम पर हेबतपुर के एक व्यावसायिक परिसर में किराए पर कार्यालय लिया।

प्राथमिकी में कहा गया है कि जुलाई 2020 में चिन्मय के बैंक खाते में 9.49 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि धारक ने 2020 में मौलिक के खाते में 260 करोड़ रुपये जमा किए थे। पुलिस सूत्रों ने कहा कि जनवरी 2021 में आयकर विभाग ने मामले की जांच शुरू की। मई 2021 में रुतुल ने पांच अन्य लोगों को छिप जाने के लिए कहा, क्योंकि आयकर विभाग उनकी तलाश कर रहा था। उसी समय धारक ने शहर के पुलिस आयुक्त के समक्ष रुतुल और अन्य के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए याचिका दायर की। पूछताछ के बाद क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा ने कहा कि रुतुल और पांच अन्य अवैध लेनदेन में शामिल थे। इस पर घाटलोदिया पुलिस ने विश्वासघात, धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज कर लिया है।

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