नवंबर 2016 में किए गए नोटबंदी के दौरान भारतीय सेना के एक अधिकारी को भ्रष्टाचार और गलत कामों के 12 अलग-अलग आरोपों में कोर्ट-मार्शल का सामना करना पड़ेगा। गौरतलब है कि आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी हुई थी। इस दौरान 500 और एक हजार के पुराने नोट चलन से बाहर हो गए थे। इनकी जगह 500 और 2000 के नए नोट जारी किए गए थे।
कोर्ट मार्शल 10 जनवरी 2022 को पश्चिमी कमान मुख्यालय में शुरू होगा, जहां नोटबंदी के दौरान भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही है। बता दें कि भारतीय सेना नोटबंदी के दौरान भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में सख्त कार्रवाई करती रही है। एक लेफ्टिनेंट कर्नल को पिछले सप्ताह पुराने नोटों को नए नोटों में बदलने के अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था।
नोटबंदी के दौरान सेना के कैप्टन को दिल्ली क्षेत्र में सेना डाक सेवाओं में तैनात किया गया था, जब भ्रष्टाचार के कथित कृत्य हुए।सूत्रों ने बताया कि कैप्टन के खिलाफ आरोपों के अनुसार अवैध साधनों के माध्यम से उसके माध्यम से पुराने नोटों को नए नोटों से विभिन्न अवसरों पर बदला गया। ऐसा तब हुआ जब कोई लेनदेन की अनुमति नहीं थी। अधिकारी ने कथित तौर पर वापस लिए गए नोटों का रिकार्ड भी जमा नहीं किया। सूत्रों ने कहा कि अधिकारी ने कथित तौर पर राष्ट्रीय राजधानी में सेना के केंद्रीय बेस पोस्ट आफिस के पास से निकाले गए नोटों का रिकार्ड भी जमा नहीं किया। अधिकारी ने मामले में एक अन्य आरोपी के साथ नए नोटों की निकासी के लिए नकली पहचान पत्र का उपयोग करके 5,000 से अधिक जाली फार्मों का प्रबंधन किया।