पंजाब के जलियांवाला बाग के नए स्वरूप को लेकर तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी जमकर केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे है । तो दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ही अब अपनी दिशा पलट रहे है ।
राहुल गांधी ने मंगलवार को ही एक ट्वीट कर कहा था कि सरकार ने शहीदों का अपमान किया है जो अत्यंत ग़लत है और वो इस चीज़ को बिलकुल सहन नहीं करेंगे।
यही नहीं उन्होंने स्मारक के नवीनीकरण को लेकर केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा था, ‘जलियाँवाला बाग़ के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता। मैं एक शहीद का बेटा हूँ- शहीदों का अपमान किसी क़ीमत पर सहन नहीं करूंगा। हम इस क्रूरता और अमानवीयता के ख़िलाफ़ हैं।
लेकिन पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पासा पलटते हुए कहा है, ‘मैं आप लोगों को इतना ही बताना चाहता हूं कि मैं नहीं जानता कि क्या हटा दिया गया है। मैं उस शाम को पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में था और मुझे वहां अच्छा लगा था।’
नरेंद्र मोदी के द्वारा जलियांवाला बाग के नए परिसर का शनिवार को उद्घाटन किया गया था।
पीएम मोदी ने उस मौके पर कहा था कि यह देश के वासियों और देश का कर्तव्य है की वह अपने इतिहास की रक्षा करे। हालांकि नए परिसर को लेकर राहुल गांधी और कई अन्य नेताओं ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की थी।
अगर एतिहासिक पन्नो की बात करे तो 102 साल पहले जलियांवाला बाग में अंग्रेज अधिकारी जनरल डायर ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग का आदेश दे दिया था। इसमें 1,000 से ज्यादा लोग शहीद हो गए
कैप्टन और राहुल के बयान कही ला न दे कोंग्रेस में दरार
1919 में हुए इस हत्याकांड को कांग्रेस खुद से जोड़ती रही है। लेकिन राहुल गांधी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की राय अलग होने से कांग्रेस की बात पलट होती दिख रही है।