नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पिछले महीने हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 7 मई (बुधवार) को व्यापक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
इस राष्ट्रव्यापी अभ्यास के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे और आम नागरिकों व छात्रों को सिविल डिफेंस के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे किसी भी आपात स्थिति या दुश्मन हमले के दौरान अपनी सुरक्षा कर सकें।
ड्रिल के तहत जरूरी प्रतिष्ठानों और संयंत्रों की जल्दी पहचान, उनका छिपाव (कैमोफ्लाज), और ब्लैकआउट जैसे आपातकालीन उपायों की भी तैयारी की जाएगी। राज्यों से उनके निकासी योजनाओं (evacuation plans) को अद्यतन करने और उसका पूर्वाभ्यास करने को कहा गया है। इस अभ्यास में देश के कम से कम 244 सिविल जिलों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
मंगलवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन भी किया गया है, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव करेंगे। इस बैठक में अधिकांश राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे। साथ ही, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), रेलवे बोर्ड और एयर डिफेंस से जुड़े अधिकारी भी बैठक में भाग लेंगे।
यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में हो रही है जब पाकिस्तान लगातार नियंत्रण रेखा (LoC) पर संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है। लगातार 11 रातों से पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे के गोलीबारी की जा रही है, जिसका भारतीय सेना द्वारा कड़ा जवाब दिया जा रहा है।
इससे पहले, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर गोलीबारी की थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। यह हमला घाटी में 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
भारत ने इस हमले के जवाब में कई कड़े कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी विमानों के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र बंद करना और कुछ द्विपक्षीय समझौतों को रोकना शामिल है। पाकिस्तान ने भी प्रतिक्रिया स्वरूप शिमला समझौते को अस्थायी रूप से रोक दिया है।
पाकिस्तान को आशंका है कि भारत कोई सैन्य कार्रवाई कर सकता है, इसलिए उसने अपनी सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी है और मिसाइल परीक्षण भी किए हैं। कुछ पाकिस्तानी मंत्रियों ने दावा किया है कि भारत जल्द ही हमला कर सकता है और सेना इसका “मुंहतोड़ जवाब” देगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद कई उच्चस्तरीय बैठकें की हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने सेना को “पूरी तरह से ऑपरेशनल स्वतंत्रता” दे दी है कि वे कब, कैसे और किन लक्ष्यों पर कार्रवाई करेंगे।
प्रधानमंत्री ने सख्त संदेश देते हुए कहा है कि इस जघन्य हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों, उनके मददगारों और साजिशकर्ताओं को “पृथ्वी के अंतिम छोर तक पीछा कर” सजा दी जाएगी।
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