कांग्रेस का ग्रुप-23 फिर हरकत में - Vibes Of India

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

कांग्रेस का ग्रुप-23 फिर हरकत में

| Updated: August 10, 2021 18:40

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के घर पर विरोधियों के असरदार जमावड़े के कई राजनीतिक मायने हैं। इस घटना से देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी में सत्ता संघर्ष तेज हो सकता है। गैर भाजपा-एनडीए विपक्ष में अब गांधी परिवार की अहमियत नहीं लगती है। सिब्बल ने तीनों गांधियों यानी सोनिया, राहुल और प्रियंका को अपने जन्मदिन पर आमंत्रित नहीं किया। लेकिन इस समारोह में लालू यादव, शरद पवार के अलावा शिरोमणि अकाली दल, बीजेपी, आम आदमी पार्टी (आप) और अन्य दलों के प्रतिनिधियों में शिरकत की। इसमें गैर एनडीए विपक्ष की ओर से गैर-गांधी नेतृत्व के संकेत दे दिए गए। 8, तीन मूर्ति लेन पर जमावड़ा मुख्य रूप से जी-23 का शक्ति प्रदर्शन था। मेहमानों की सूची की तुलना राहुल गांधी की ब्रेकफास्ट पार्टी में 14 विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधियों की सूची से की जा रही है। ब्रेकफास्ट पार्टी में पवार, अखिलेश यादव, लालू यादव और अन्य जैसे नेताओं के बजाय पार्टियों के प्रतिनिधि ज्यादा थे।

गांधी परिवार के खिलाफ कुछ टिप्पणियां और बयान और ज्यादा हैरान करने वाले हैं। इंदिरा गांधी के दौर में, उस समय के नेता नरेश गुजराल को आयोजक द्वारा वापस जाने को कह दिया जाता था या फिर मौन साध लिया जाता था। 

अनौपचारिक रूप से गांधी कैंप की लालू, अब्दुल्ला और सीताराम येचुरी से खूब नजदीकी है। लेकिन सिब्बल के निवास पर यूपीए के कुछ मौजूदा सहयोगियों का उत्साह न सिर्फ देखने लायक था, बल्कि वह काफी समय पहले बिहार चुनाव में लालू के एक जुमले को भी याद दिलाती है। लालू ने उस समय एक राजनीतिक हस्ती को विलायती मुर्गी कहा था।

गांधी परिवार के लिए संतोष की बात बस यही है कि अगस्त 2021 में अगस्त 2020 की पुनरावृत्ति नहीं हुई, जब 20- जनपथ को कांग्रेस नेतृत्व (गांधी पढ़ें) से असंतुष्ट जी-23 का हस्ताक्षरित कड़वाहट भरा खुला पत्र मिला था। असंतुष्टों को समझाने और गतिरोध खत्म करने के लिए सोनिया गांधी के प्रयासों के बावजूद विरोधियों की गतिविधियां जारी हैं। एक साल बाद वह प्रमुख राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को कांग्रेस में लाने पर गंभीरता से सोच रही है। लेकिन जी-23 ने संकेत दे दिए हैं कि उसे यह अप्रासंगिक उपाय मंजूर नहीं है।

कांग्रेस के बागी जोरदार प्रहार करके प्रतिद्वंद्वी को पटखनी देने के लिए नहीं जाने जाते हैं, बल्कि वे टेक्निकल प्वाइंट, ऑप्टिक्स और पोजीशनिंग्स के जरिये जीत हासिल करना पसंद करते हैं।

गैर भाजपा और गैर एनडीए दलों के लिए 2024 का रास्ता बेहद मुश्किल और संकटों से भरा है। सिब्बल के निवास पर जमावड़े ने यह दिखा दिया है कि अब वह कांग्रेस के भीतर सत्ता संघर्ष का एक पक्ष बन गई है। 

ऐसा नहीं है कि गांधी परिवार के साथ कोई विश्वासपात्र नहीं है या फिर उनका कोई असर नहीं है। राहुल एक गैर पारंपरिक नेता हैं और इस बात की संभावना नहीं है कि वे 8, तीन मूर्ति में राजनीति से भरपूर भोज के आगे हथियार डाल देंगे। उनका मंत्र सीधा और जोश दिलाने वाला है। जैसे राहुल ने ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद और कुछ अन्य नेताओं को बाहर जाने दिया, वे इसके लिए तैयार हैं कि जो भी कांग्रेस से जाना चाहे, चला जाए। इस मामले में जी-23  में उतनी ताकत नहीं है जो वे कांग्रेस परिवार में गांधियों को पछाड़ सके या फिर किनारे कर सके। सिब्बल के घर पर दोस्तों से उमर अब्दुल्ला शायद यह कहते हुए दिखाई दिए कि कांग्रेस के बिना विपक्ष की कहानी शुरू नहीं हो पाएगी।

कोविड-19 की दूसरी लहर को संभालने में नरेंद्र मोदी की नाकामी, वैक्सीन की कमी और राफेल पर आक्रामक रुख के चलते राहुल का कद बढ़ा है। मोदी सरकार में पेगासस जासूसी विवाद के आरोपों को उठाने में राहुल की सक्रियता से भी उन्हें फायदा मिला। वे सपाट शब्दों में सवाल कर रहे हैं, “क्या भारत सरकार ने पेगासस खरीदा? हां या नहीं? क्या सरकार ने अपने ही लोगों के खिलाफ पेगासस हथियार का इस्तेमाल किया या नहीं? “

अगले कुछ हफ्तों में कांग्रेस की स्टोरी सामने आने लगेगी। कुछ कहते हैं राजीव गांधी की जयंती यानी  20 अगस्त महत्वपूर्ण तारीख है। याद रखिए, असली और पूरा कहानी आपको यहां सबसे मिलेगी।

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d