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मानहानि, गिरफ्तारी, विरोध और जमानत: ‘मानहानि’ टिप्पणी पर पवन खेड़ा को मिली आंशिक राहत

| Updated: February 23, 2023 9:02 pm

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को गुरूवार सुबह उस वक्त विमान से उतार दिया गया जब वह कांग्रेस के कई दूसरे नेताओं के साथ एआईसीसी अधिवेशन में भाग लेने के रायपुर जा रहे थे। कांग्रेस नेताओं के इसका विरोध करते हुए उन्होंने वही धरना शुरू कर दिया। बाद में दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया कि असम पुलिस के आग्रह पर उन्हें रोका गया है। जो बाद में गिरफ्तारी में परिवर्तित हो गयी। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा और दोपहर 3 तीन बजे सुनवाई तय हुयी। जिसमे उन्हें सशर्त जमानत मिल गयी। कांग्रेस प्रवक्ता पर प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक शब्द इस्तेमाल करने का आरोप है। इस दौरान दिन भर सियासी बयानबाजी चलती रही।

पवन खेड़ा को 30,000 के निजी मुचलके पर रिहा किया गया है। शाम 6:10 पर जमानत की कॉपी मजिस्ट्रेट के पास पहुंची और उसके बाद खेड़ा को रिलीज किया गया। रिहाई के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिना FIR कॉपी, नोटिस दिए गैर कानूनी तरीके से मुझे गिरफ्तार किया गया। न्याय प्रणाली पर मेरी आस्था है जिसकी वजह से आज मेरी स्वतंत्रता की रक्षा हुई। संवैधानिक मुल्यों को बचाने का संघर्ष राहुल गांधी जिस निडरता से कर रहे हैं, उसमें मैं एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाउंगा।

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा को रिहा कर दिया गया है। पवन खेड़ा को 30,000 के निजी मुचलके पर रिहा किया गया है। शाम 6:10 पर जमानत की कॉपी मजिस्ट्रेट के पास पहुंची और उसके बाद खेड़ा को रिलीज किया गया। रिहाई के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिना FIR कॉपी, नोटिस दिए गैर कानूनी तरीके से मुझे गिरफ्तार किया गया। न्याय प्रणाली पर मेरी आस्था है जिसकी वजह से आज मेरी स्वतंत्रता की रक्षा हुई। संवैधानिक मुल्यों को बचाने का संघर्ष राहुल गांधी जिस निडरता से कर रहे हैं, उसमें मैं एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाउंगा।

जैसे ही उन्हें फ्लाइट से नीचे उतारा गया। उसके बाद कांग्रेस नेताओं ने एयरपोर्ट पर ही धरना शुरू कर दिया। पवन खेड़ा को हिरासत में लेकर पुलिस अदालत में पेश करने जा रही थी, उसी दौरान कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।

इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अर्जी दाखिल की। कोर्ट में पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने की मांग की गई और एफआईआर को रद्द करने की मांग भी की गई। उसके बाद कोर्ट सुनवाई के लिए सहमत हो गया और 3 बजे मामले की सुनवाई हुई। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 3:30 बजे खेड़ा को अंतरिम जमानत दे दी।

बता दें कि पवन खेड़ा की गिरफ्तारी उनके पीएम मोदी पर दिए गए एक बयान के कारण हुई है। दरअसल पवन खेड़ा अडानी मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करने के दौरान नरेंद्र गौतम दास मोदी नाम ले लिया था। इस बयान का बीजेपी ने पुरजोर विरोध किया। उसके बाद उनके खिलाफ कई राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई।

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “भाजपा सरकार ने पवन खेड़ा को परेशान करने की कोशिश की। मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खुश हूं, यह उनके मुंह पर करारा तमाचा है। मैं भाजपा के इस कृत्य की निंदा करता हूं। संसद में भी हमें मुद्दे उठाने से रोका गया। वे बोलने की आजादी को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। लोकतंत्र खतरे में हैं।”

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