जेंडर बजट में 30% की बढ़ोतरी

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जेंडर बजट में 30% की बढ़ोतरी

| Updated: February 2, 2023 19:57

भारत का लैंगिक बजट (Gender Budget) का उद्देश्य लैंगिक अंतर (gender gap) को कम करना है। इस बार यानी 2023 के केंद्रीय बजट में जेंडर बजट यानी महिलाओं के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपये आवंटित (allocated) किए गए हैं, जो 2022-23 के लिए 2.18 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान (RE) से सिर्फ 2.12 प्रतिशत ही अधिक है। हालांकि, यह पिछले साल के 1.71 लाख करोड़ के बजट अनुमान (BE)  की तुलना में कम से कम 30 प्रतिशत अधिक है।

सरकार के कुल व्यय (expenditure) में जेंडर बजट की हिस्सेदारी में 0.63 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस साल अनुमानित जेंडर बजट कुल खर्च का 4.96 फीसदी रहा, जो पिछले साल 4.33 फीसदी था।

जेंडर बजट पहली बार 2005-06 के बजट में पेश किया गया था। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार, इसका उद्देश्य महिलाओं को भी बजट की  मुख्यधारा में शामिल करना है। यानी जेंडर बजट का इरादा लैंगिक समानता (gender equality) हासिल करना है।

जेंडर बजट को पार्ट-ए और पार्ट-बी में बांटा गया है। पार्ट-ए में महिलाओं के लिए 100 प्रतिशत आवंटन वाली महिला विशिष्ट योजनाओं (Women Specific Schemes) पर प्रकाश डाला गया है, जबकि पार्ट-बी में ऐसी योजनाएं शामिल हैं जिनमें कम से कम 30 प्रतिशत आवंटन महिलाओं के लिए है।

जेंडर बजट के पार्ट-ए में पिछले साल की तुलना में 228 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी हुई, जबकि पार्ट-बी में 2022-23 से छह प्रतिशत की गिरावट देखी गई।

महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्भया फंड योजना के तहत सुरक्षित शहर परियोजना के लिए आवंटन में आठ गुना वृद्धि देखी गई। 2022-23 में संशोधित अनुमान 165 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 के बजट अनुमान में बढ़कर 1,300 करोड़ रुपये हो गया।

वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन और बेटी बचाओ बेटी पढाओ जैसी पुरानी योजनाओं को मिलाकर बनी  संबल नाम की उपयोजना (sub-scheme) के आवंटन में 2023 के बजट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वह अभी भी 562 करोड़ रुपये है।

एक अन्य उप-योजना (sub-scheme) सामर्थ्य है। इसमें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और स्वाधार गृह जैसे महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम (women empowerment programmes) शामिल हैं।  सामर्थ्य के लिए इस वर्ष 2,496 करोड़ रुपये रखा गया है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है। लेकिन 2022-23 के बजट अनुमान की तुलना में दो प्रतिशत कम है।

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