गुजरात सरकार हाल ही में राज्य के लोगों के बीच यह सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि सभी निजी अस्पताल अग्नि सुरक्षा से लैस हैं, और उनके पास बीयू की अनुमति है। जबकि इस मामले में ऐसे तथ्य सामने आए हैं कि उन्हीं मानदंडों का पालन सरकारी परिसरों में नहीं किया जा रहा है । मामले के सामने आने के बाद, तत्काल सुधार करने के बजाय, अधिकारी एक-दूसरे पर दोषारोपण करते पाए गए थे।
अहमदाबाद सिविल अस्पताल के परिसर में स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावासों और स्टाफ क्वार्टरों में अग्नि सुरक्षा प्रणालियों और आवश्यक एनओसी की कमी है। नर्सिंग संस्थान, पीजी छात्रावास 1-2 और सी-ब्लॉक की इमारतों में फायर एनओसी नहीं हैं। इन छात्रावासों के छात्र मामलों को लेकर विरोध भी कर रहे हैं।
हैरानी की बात यह है कि बी.जे. मेडिकल कॉलेज के डीन और सिविल अस्पताल के अधीक्षक दोनों ही इस बात पर कायम हैं कि जिम्मेदारी एक-दूसरे की है। और इस मुद्दे पर छात्र संघ की मांगों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया हैं।
सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि पीजी छात्रावास और डॉक्टरों के छात्रावास की जिम्मेदारी डीन की है, जबकि स्टाफ क्वार्टर में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था के लिए वे जिम्मेदार हैं।