चुनावी वर्ष में गुजरात सरकार ने पाटीदारों के खिलाफ 10 मामले वापस लिए

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चुनावी वर्ष में गुजरात सरकार ने पाटीदारों के खिलाफ 10 मामले वापस लिए

| Updated: March 21, 2022 17:51

मौजूदा कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को पत्र लिखकर पाटीदारों के खिलाफ मामले वापस लेने की मांग की थी।

  • हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज दो मामले भी वापस लेने की तैयारी

गुजरात में चुनावी वर्ष में राज्य सरकार ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज किये गए 10 और मामले वापस ले लिए हैं। इस बीच पाटीदार अनामत नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ भी दो मामले वापस लेने की तैयारी शुरू की गयी है । नरोडा , रामोल, बापूनगर , अपराध शाखा, साबरमती, नवरंगपुरा और शहरकोटड़ा में 1-1, जबकि कृष्णानगर में 2 दर्ज मामलों को वापस लिया गया है।

साल 2015 में अहमदाबाद में हार्दिक पटेल और कुछ अन्य युवाओं के नेतृत्व में पाटीदार समुदाय अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में आरक्षण की मांग को लेकर विशाल जनसभा की थी। शाम को अचानक पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया हार्दिक पटेल की जनसभा के बाद हिंसा भड़क उठी. हिंसा में कम से कम 14 पाटीदार मारे गए थे। उस समय गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल पर पाटीदारों का भारी दबाव था।

140 से अधिक मामले अभी भी लंबित हैं

आपको बता दें, 25 अगस्त 2015 को पाटीदार अनामत आंदोलन ने पाटीदार द्वारा एक भव्य रैली का आयोजन किया था। रैली के बाद पाटीदारों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। श्वेतांग की अगस्त 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान बापूनगर पुलिस की हिरासत में मौत हो गई थी। 2015 में मेहसाणा में पुलिस फायरिंग में प्रवीण पटेल के बेटे निशित की मौत हो गई थी। पुलिस फायरिंग में बनासकांठा के महेश की भी मौत हो गई। अन्य 13 लोगों की भी आंदोलन के दौरान मौत हो गई। सरकार ने शहीद पाटीदारों के परिवारों को नौकरी देने की भी बात कही थी लेकिन उन्हें नौकरी अभी तक नहीं मिली है , पाटीदार आरक्षण समिति की उन्हें नौकरी देने की मांग कर रही है । आंदोलन के दौरान पाटीदारों के खिलाफ पुलिस मामले दर्ज किए गए, जिसमें कुल 485 पुलिस शिकायतें दर्ज की गईं। 228 पुलिस शिकायतों को खारिज कर दिया गया है। 140 से अधिक मामले अभी भी लंबित हैं।

बाकी मामले कब वापस होंगे- हार्दिक पटेल

मौजूदा कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को पत्र लिखकर पाटीदारों के खिलाफ मामले वापस लेने की मांग की थी। हार्दिक ने कहा, ‘मैं पाटीदार समुदाय का बेटा होने के नाते आरक्षण आंदोलन में पाटीदारों के खिलाफ मामला जल्द से जल्द वापस लेने की मांग करता हूं.’ आंदोलन के हर नेता पर मुकदमा चलाया जा रहा है। ऐसी करीब 400 घटनाएं हुई थीं। पहले की सरकारों ने इन मामलों को वापस लेने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हार्दिक पटेल ने 10 केस वापस लेने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा की टुकड़े टुकड़े में केस क्यों वापस हो रहे है , सरकार सभी मामले वापस क्यों नहीं लेती , गुजरात सरकार को साफ़ करना चाहिए कि बाकी मामले कब वापस होंगे।

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