उबर ड्राइवर के अभद्र व्यवहार पर ट्वीट के तीन मिनट के भीतर ही हरकत में आ गए गुजरात के गृह मंत्री। - Vibes Of India

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उबर ड्राइवर के अभद्र व्यवहार पर ट्वीट के तीन मिनट के भीतर ही हरकत में आ गए गुजरात के गृह मंत्री।

| Updated: October 20, 2021 19:16

गुजरात के अहमदाबाद में एक उबर ड्राइवर के अभद्र व्यवहार के बाद उबर ऑटो ने मदद के लिए तो खुशी-खुशी मैसेज किया, लेकिन हकीकत में कुछ ठोस नहीं किया। हालांकि  नेताओं को बयानबाजी की आदत होती है, फिर कुछ ऐसे होते हैं, जो अपने कहे पर अमल भी करते हैं। गुजरात के गृह राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हर्ष सांघवी इसी तरह के नेता हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि जब वह हैप्पी टु हेल्प कहते हैं;  तो वास्तव में वह इसे साबित भी करते हैं।

हर्ष को गृह मंत्री बने अभी 33 दिन भी नहीं हुए हैं, लेकिन गुजरात ने इतने ही समय में ऐसा संवेदनशील गृह मंत्री नहीं देखा। सोमवार की रात वाइब्स ऑफ इंडिया की महिला कर्मचारियों ने उबर ली। चालक अभद्र था। नशे में भी लग रहा था। उसने कहने पर भी बातचीत बंद कर फोन नीचे रखने से इंकार कर दिया। दरअसल जैसे ही वीओआइ की कर्मचारी कैब में घुसीं, उन्हें अजीब सी तेज गंध आई। उन्होंने उससे पूछा कि तुम धूम्रपान क्यों कर रहे हो? ड्राइवर ने कहा कि वह ऐसा नहीं कर रहा था, बस कैब को साफ कर रहा था। फोन पर बात करते हुए उसने कहा कि पहले के यात्री बीड़ी में कुछ भरकर धूम्रपान कर रहे थे। बाद में कार सीधी चलने के बजाय आड़ी-तिरछी चलने लगी। इसलिए कि एक हाथ फोन के साथ उसके कानों पर था। यह देख महिला यात्रियों ने उससे कार को एक तरफ रोकने, कॉल खत्म करने और फिर ड्राइविंग शुरू करने का अनुरोध किया। इसलिए कि वह स्पष्ट रूप से  खुद पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा था।

वह एक हाथ में सेलफोन का इस्तेमाल कर रहा था, तो दूसरे हाथ की कोहनी से स्टीयरिंग को संभाल रहा था। तीन बार टोकने के बाद ड्राइवर ने गाली-गलौज शुरू कर दी। चिल्लाते हुए सभी से नीचे उतरने को कहने लगा। कहा- अगर आप अभी नीचे नहीं उतरीं, तो मुझे जबरदस्ती करनी पड़ेगी। उसने जबरदस्ती शब्द का इस्तेमाल किया। टीम ने ऐप से उबरइंडिया हेल्पलाइन पर कॉल करने का प्रयास किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

बाद में टीम की एक वरिष्ठ सदस्य ने पहली बातचीत के वीडियो के साथ ट्वीट किया। तीसरी बार टोकने पर अपने फोन को बंद रखने के लिए ड्राइवर ने पीछे मुड़कर कहा- यह मेरी कार है, मैं अपनी कार में जो चाहूं कर सकता हूं। मैं आपकी यात्रा रद्द कर रहा हूं। मेरा वीडियो बना लो। मुझे कुछ नहीं होगा। चूंकि अंधेरा था और वह वास्तव में पहली सीट से पीछे की ओर झुका हुआ था, इसलिए सभी बीच रास्ते में ही उतर गईं।

इसके बाद वाइब्स ऑफ इंडिया की टीम ने महसूस किया कि नीचे उतर जाना बेहतर रहा, क्योंकि गुस्से में गाली देने वाला ड्राइवर हिंसक होने ही वाला था।

टीम ने आधी रात के ठीक बाद 12 बजकर 11 मिनट पर इस तरह हुए खराब अनुभव को लेकर हिंदी में ट्वीट किया। इसके तुरंत बाद जो हुआ, वह चकित करने वाला रहा।

तीन मिनट के भीतर ही गुजरात के गृह मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने पुलिस को इस मामले को देखने का निर्देश दे दिया है।

मंगलवार की सुबह तक उबर ने ट्विटर पर ऑटो मेसेज भेजने के अलावा कुछ नहीं किया। हालांकि ट्विटर पर इस मुद्दे के ट्रेंड होने के बाद सुबह में ही उबरइंडिया सपोर्ट से किसी स्मिता ने फोन किया। खेद व्यक्त किया और दावा किया कि उन्होंने ड्राइवर की पहचान कर ली है। लेकिन स्मिता ने न तो कोई नंबर नहीं दिया, न ही कोई जानकारी। उसने फिर बात करने का वादा किया, लेकिन खबर छपने तक, यानी उसकी पहली और आखिरी कॉल के लगभग 18 घंटे बाद तक, उसने या उबर ने दोबारा कुछ कहने की जहमत नहीं उठाई।

इसके बजाय यह गुजरात पुलिस थी, जो हरकत में आई। अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर संजय श्रीवास्तव ने व्यक्तिगत रूप से फोन कर जानकारी ली। उन्होंने कहा, “ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है और हम सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।” इसके अलावा, उन्होंने ध्यान आकर्षित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से वाइब्स ऑफ इंडिया टीम को धन्यवाद भी दिया।

कहना ही होगा कि गुजरात बहुत सुरक्षित जगह है। यहां लड़कियां गरबा के लिए जाती हैं और देर रात दो बजे समूहों में लौटती हैं। इसलिए यह अनहोनी दुर्घटना आंखें खोलने वाली  थी। पुलिस कमिश्नर भी इस मामले को हल्के में लेने को कतई तैयार नहीं थे। इसलिए उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी जरूरी कार्रवाई तत्काल शुरू की जाएगी।

कॉल समाप्त करने से पहले पुलिस कमिश्नर ने वाइब्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्हें गृह मंत्री हर्ष सांघवी का फोन आया था, जिसमें उन्होंने उबर ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और मामले की जांच करने को कहा था।

इसके साथ ही वाइब्स टीम का सदमा खत्म हुआ, क्योंकि अगले तीन घंटों में कम से कम चार पुलिस कर्मियों ने जांच शुरू कर दी और सुरक्षा का आश्वासन दिया। बता दें कि ड्राइवर के पास टीम की एक सदस्य के घर का पता है।

बाद में पुलिस ने सूचित किया कि इस उबर ड्राइवर ने यात्रा “शुरू” ही नहीं की थी। इससे यात्रा के दौरान जो कुछ भी हुआ, उसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। वैसे, सौभाग्य से पुलिस के पास अब तीन वीडियो हैं। दूसरे, चालक ने टीम के सदस्यों से कहा था कि पहले वाले यात्री ने बीड़ी में कुछ अजीब चीज भर धूम्रपान कर रहा था। उबर के नियमों के मुताबिक, कोई भी यात्री कार में धूम्रपान नहीं कर सकता है।

इस बीच, अकेले अहमदाबाद में कम से कम चार महिलाएं उबर ड्राइवरों द्वारा परेशान किए जाने और धमकाने के अपने व्यक्तिगत अनुभवों के साथ सामने आई हैं। प्रसिद्ध अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता कल्पना गगडेकर ने बताया, “मैंने @UberIndiaSupport पर भी शिकायत की, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया।

यहां हमें एक बात माननी ही होगी। वह यह कि अन्य नेताओं के विपरीत हर्ष सांघवी अपने कहे को साबित भी करते हैं। उन्होंने न केवल जांच के आदेश दिए हैं, बल्कि यह सुनिश्चित किया है कि गुजरात महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान बना रहे। अहमदाबाद पुलिस ने सुरक्षा की भी पेशकश की है।

यकीनन उबर का यह अनुभव भयानक रहा है, लेकिन जिस तरह से गुजरात के गृह मंत्री ने सक्रिय रूप से कार्रवाई की और अहमदाबाद पुलिस ने सहयोग दिया, वह अन्य नेताओं और पुलिस को देर से कार्रवाई के लिए शर्मसार कर देगा। वीओआइ की सीईओ दीपल त्रिवेदी ने कहा कि इस मामले में उबर से भी पहले गृह मंत्री ने हमसे संपर्क किया।

वाइब्स ऑफ इंडिया नए जमाने का डिजिटल मीडिया न्यूजरूम है, जिसमें महिलाओं के लिए नौकरी में 50 प्रतिशत आरक्षण  है। अधिकतर कर्मचारी महिलाएं हैं। उस कैब में बैठी टीम में शामिल वीओआइ की एक युवा कर्मचारी ने कहा, गृह मंत्री हर्ष सांघवी और अहमदाबाद पुलिस की ओर से आश्वस्त करने वाली कार्रवाई के बाद खौफनाक अनुभव के असर कम हो गए हैं!

नवरंगपुरा पुलिस के पास घटना के तीन वीडियो हैं। उसने सुरक्षा का आश्वासन देते हुए कैब सवारों से भी पूछताछ कर ली है।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते हर्ष सांघवी ने डूबती हुई एक महिला को बचाने के लिए अपने सरकारी काफिले को रोक दिया था। सूरत के सरदार पुल से जब सांघवी ने एक महिला को तापी नदी में कूदते देखा, तो उन्होंने अपने काफिले को पुल पर ही रोक दिया। फिर तुरंत दमकल विभाग को फोन किया। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने महिला को बचाने का प्रयास किया। उसे एक निजी अस्पताल में भी ले जाया गया, लेकिन वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

38 वर्षीय सांघवी गुजरात कैबिनेट में सबसे कम उम्र के मंत्री हैं। वीओआइ की सीईओ के हिंदी ट्वीट के तुरंत बाद हर्ष सांघवी ने सिर्फ तीन मिनट का समय लिया और जवाब दिया- “नोट कर लिया! अधिकारियों को तुरंत इसकी जांच करने का निर्देश दे दिया है।”

हर्ष सांघवी ने पहले भी गुजरात का दिल जीता था, जब उन्होंने एक परित्यक्त बच्चे शिवाश के मामले में लगातार काम किया था। उस बच्चे को पिता ने ही गांधीनगर में छोड़ दिया था। वह व्यक्तिगत रूप से बच्चे को देखने गए और सुनिश्चित किया कि उसकी देखभाल की जाए। उन्होंने अहमदाबाद पुलिस के साथ मिलकर 24 घंटे के भीतर बच्चे के पिता को पकड़ लिया। पुलिस टीम को श्रेय देते हुए उन्होंने कहा, “राहत की सांस। आईजी अभय चुडासमा और एसपी मयूर चावड़ा के नेतृत्व में 400 से अधिक अधिकारियों की बहादुर गांधीनगर पुलिस टीम।”

SHE टीमों की निगरानी

18 अक्टूबर को मंत्री ने वडोदरा पुलिस की ‘ SHE ‘ टीमों के मुख्यालय का दौरा किया। परामर्श केंद्रों, वरिष्ठ नागरिकों के सेल, जिंदगी हेल्पलाइन और तकनीकी सेल जैसी विभिन्न पहलों का निरीक्षण किया। SHE टीम में गुजरात के महानगरों में स्थित प्रत्येक पुलिस स्टेशन की महिला पुलिस शामिल हैं, जो विशेष रूप से सड़क पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने, परामर्श और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल करने के लिए बनाई गई हैं।

कोविड योद्धा

कोविड महामारी के दौरान एक विधायक के रूप में सांघवी का काम, बेरोजगार युवाओं के लिए नौकरी मेले आयोजित करने, अपने निर्वाचन क्षेत्र सूरत में बुक बैंक स्थापित करने और आदिवासी क्षेत्रों में किए काम ने उन्हें गुजरात भाजपा के भीतर सबसे अधिक मांग वाले युवा चेहरों में से एक बना दिया है। वह 2012 में सबसे कम उम्र के विधायक थे। तब वह 27 साल की उम्र में पहली बार माजुरा निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे। वह 2010 से भाजपा युवा मोर्चा के राज्य प्रमुख थे। सांघवी ने अब के सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और सांसद पूनम महाजन के साथ भी तब काम किया है, जब वे भाजपा युवा विंग के अध्यक्ष थे।

वह 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में भी पर्दे के पीछे सक्रिय थे। उन्होंने पीएम मोदी के कार्यक्रमों से पहले भारतीय प्रवासियों तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने उन्हें पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और वर्तमान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के भरोसेमंद लोगों में से एक बना दिया।

हेल्पलाइन नंबर

यदि आप अपने ड्राइवर को गैर-पेशेवर, नशे में पाते हैं या यदि वह आपके साथ दुर्व्यवहार करता है, तो कॉल करें

राष्ट्रीय आपातकालीन नंबर: 112

पुलिस आपातकालीन नंबर: 100

संकटग्रस्त महिलाओं के लिए विशेष सहायता: 181

यदि आप किसी ऐसे ड्राइवर के शिकार हुए हैं, तो कृपया अपना अनुभव info@vibesofindia.com पर ईमेल करें।

अगर आप हमें पसंद करते हैं, व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं और #महिला सुरक्षा की दिशा में काम करते हैं तो कृपया हमें अपना नाम बताएं, ताकि हम आपसे संपर्क कर सकें। वैसे  आप चाहें तो हम आपकी पहचान उजागर नहीं करेंगे। तो आइए, हम सब मिलकर कुछ अलग करें।

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