27 वर्षीय ऑटो रिक्शा चालक विक्रम दंताणी ( Auto rickshaw driver Vikram Dantani )आज कल सुर्खियों में बने हुए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल( Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal )को आटो रिक्शा चालकों के संवाद में अपने घर भोजन के लिए निमंत्रित किया और केजरीवल ने उनका निमंत्रण स्वीकार किया इसके बाद जो हुआ वह देश जानता है।
गृहमंत्री अमितशाह के निर्वाचन क्षेत्र गांधीनगर (Home Minister Amit Shah’s constituency Gandhinagar) और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल( Gujarat Chief Minister Bhupendra Patel )के निर्वाचन क्षेत्र घाटलोडिया के देवीपूजक दंताणी नगर में रहने वाले विक्रम दंताणी देवीपूजक (सामाजिक शैक्षणिक पिछड़े एसईबीसी ) समाज से आते हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक दिन पहले ही विक्रम के समाज द्वारा आयोजित स्नेह मिलान समारोह में शिरकत की थी।
सुर्खियों में आये विक्रम का परिवार दंताणी नगर में पिछले 35 साल से रह रहा है , विक्रम की 2 साल पहले निशा से शादी हुयी है। निशा भी देवी पूजक हैं। दोनों के एक बेटी है। निशा दिल्ली के टैगोर गार्डन इलाके के रघुवीर नगर से हैं। केजरीवाल ने उन्हें भोज पर दिल्ली में अपने निवास पर आमत्रित किया है। आखिर जाने अनजाने दिल्ली के मुख्यमंत्री (Delhi’s chief minister )दिल्ली की बेटी के घर आये थे , तो एक रिश्ता तो बन ही जाता है।
भाजपा के सालो से मतदाता रहे विक्रम को कोरोना के दौरान सरकारी उपेक्षा और बढ़ती महगाई ने अपने राजनीतिक विचार बदलने को मजबूर किया। परिणाम अपने आटो में आप के दो झंडे लगाकर केजरीवाल – गोपाल इटालिया और इसुदान गढ़वी के सारथी बन गए।
विक्रम की नाराजगी के अपने कारण है वह कहते हैं हमने सालो तक भाजपा को वोट दिया। लेकिन कोरोना लाकडाउन के दौरान दो साल में जिंदगी के सबसे बुरे दिन देखे। आय के कोई साधन नहीं थे , सरकार कि कोई मदद नहीं , कोई सब्सिड़ी नहीं , केवल एक बार आनाज दिया गया। विधायक ( वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ) द्वारा कोई योजना लागु नहीं की गयी।
ऑटो रिक्शा चालक विक्रम दंताणी का रिक्शा 10 साल पहले उनके पिता ने खरीदा था , जो अब इस दुनिया में नहीं है। सीएनजी की लगातार बढ़ रही कीमत विक्रम को परेशान करती है , वह कहते है 150 की सीएनजी एक दिन में लग जाती है जबकि 150 का डीजल तीन दिन चलता है। वह मुश्किल से 10 -12 हजार कमा पाते है एक साल की बेटी रिया , पत्नी निशा और उनके लिए यह अपर्याप्त है। विक्रम रिक्शा चालक एकता यूनियन के सदस्य भी है , जो कोरोना के बाद स्थापित हुआ है। इस संगठन के 4500 से अधिक सदस्य हैं जबकि अहमदाबाद में रिक्शाचालकों की संख्या 20 हजार से अधिक हैं।
विक्रम के मुताबिक रिक्शा चालक एकता यूनियन (Rickshaw Driver Ekta Union) की तरफ से केजरीवाल की सभा में जाने के लिए कहा गया था , इसलिए वह गए थे। मुस्कुरा कर विक्रम कहते हैं ” उन्होंने एक वीडियो देखा था , जिसमे केजरीवाल पंजाब में एक रिक्शा चालक के घर खाना खाने गए थे , इसलिए मैंने भी उन्हें निमंत्रित किया और और वह मेरे घर खाना खाने आये। कभी कोई मुख्यमंत्री या मंत्री खाना खाने घर नहीं आया , मेरी सोसायटी नहीं आया ,भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री हैं , लेकिन इतने सालों में वह कभी घर नहीं आये।
दंताणीनगर के एक कमरे के घर में विक्रम अपनी माँ , तीन छोटे भाई पत्नी और बेटी के साथ रहते हैं , यह घर उनके दादा ने बनाया था। उनकी दोनो बहनों की शादी अहमदाबाद में ही हो गयी है। विक्रम की माँ वसंतीबेन इस बात से नाराज है कि ” 700 -1000 आने वाला बिजली बिल 2000 आने लगा है। जबकि सब्सिडी के बाद एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1060 रुपये हैं। ” वसंतीबेन के मुताबिक ” बीमार पड़ने पर वह निजी अस्पताल में जाती हैं क्योकि सरकारी अस्पताल में भीड़ और कागजी कार्यवाही बहुत होती है। वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर चाहती है लेकिन कागजी कार्यवाही के कारण अभी तक उन्हें नहीं मिल पाया है।
विक्रम कहते है उन्हें नहीं पता था की केजरीवाल के आने से उन्हें कोई समस्या होगी , वह कुछ बेहतर योजना के साथ आये हैं। उनके पड़ोसी भी भाजपा को वोट देते थे लेकिन इस बार अभी तक उन्होंने कुछ तय नहीं किया है। ऑटो रिक्शा एकता यूनियन ने भी कुछ तय नहीं किया है , इसलिए वह बैठक कर निर्णय लेंगे।
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