अमेरिका के मिनेसोटा में एक अदालत ने बुधवार को एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह के सरगना को 10 साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई। यह फैसला उस दर्दनाक घटना के तीन साल बाद आया, जब भारत के एक परिवार के चार सदस्य कनाडा-अमेरिका सीमा पार करते समय बर्फीले तूफान में ठिठुरकर मर गए थे।
यह सजा मिनेसोटा राज्य के फर्गस फॉल्स शहर की संघीय अदालत में सुनाई गई, जहां पिछले नवंबर में हर्षकुमार रमनलाल पटेल और स्टीव एंथनी शैंड नामक दो आरोपियों को मानव तस्करी, आपराधिक साजिश और हत्या के समान अपराधों में दोषी ठहराया गया था।
कौन हैं आरोपी?
हर्षकुमार पटेल, जो भारतीय नागरिक है और “डर्टी हैरी” नाम से काम करता था, को 10 साल से अधिक की सजा सुनाई गई। वहीं, फ्लोरिडा (अमेरिका) के नागरिक शैंड को साढ़े छह साल की सजा मिली। यह सजा अभियोजन पक्ष द्वारा मांगी गई सजा का लगभग आधा है।
अभियोजन पक्ष ने पटेल के लिए लगभग 20 साल और शैंड के लिए करीब 11 साल की सजा की सिफारिश की थी। पटेल को फरवरी 2024 में शिकागो के ओ’हारे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था और वह तब से हिरासत में है। कोर्ट में दायर दस्तावेजों के अनुसार, उसके पास कोई आय या संपत्ति नहीं है।
दूसरी ओर, शैंड जमानत पर रिहा था और सजा के इंतजार में था। उसके वकील ने कहा कि सरकार की सजा की मांग “अनावश्यक रूप से कठोर” है, क्योंकि शैंड सिर्फ एक टैक्सी ड्राइवर था, जो अपनी पत्नी और छह बच्चों का पेट पालने के लिए पैसे कमा रहा था और इस तस्करी नेटवर्क में उसकी भूमिका सीमित थी।
रिपोर्टों के अनुसार, पटेल और शैंड एक सुनियोजित नेटवर्क का हिस्सा थे, जो भारतीय नागरिकों को छात्र वीजा पर कनाडा लाता और फिर उन्हें अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कराता था।
बर्फ में जमी भारतीय परिवार की दर्दनाक मौत
इस मामले का सबसे दुखद पहलू जगदीश पटेल (39), उनकी पत्नी वैशालिबेन (करीब 35), 11 वर्षीय बेटी विहांगी और 3 वर्षीय बेटे धार्मिक की मौत है। ये परिवार गुजरात के डिंगुचा गांव का रहने वाला था। हालांकि आरोपी का उपनाम भी पटेल था, लेकिन उनका आपस में कोई पारिवारिक संबंध नहीं था।
अभियोजन पक्ष ने परिवार की आखिरी घड़ियों का मार्मिक विवरण दिया। जगदीश ने अपने बेटे का चेहरा बर्फीली हवाओं से बचाने के लिए जमी हुई दस्ताने से ढकने की कोशिश की, जिससे उनकी मौत हो गई। बेटी विहांगी के पैरों में बड़े आकार के जूते और हाथों में ढीले दस्ताने थे। वैशालिबेन एक चेन-लिंक की बाड़ के सहारे मृत पाई गईं, शायद यह सोचकर कि उस पार उन्हें बचाव मिल जाएगा।
कनाडाई रॉयल माउंटेड पुलिस ने उनके शव 19 जनवरी 2022 को मैनिटोबा और मिनेसोटा की सीमा के उत्तर में पाए।
अभियोजन पक्ष के तीखे आरोप
अभियोजक माइकल मैकब्राइड ने कहा, “श्री पटेल ने कभी पछतावे का एक भी संकेत नहीं दिया। आज भी वह इस बात से इनकार करते हैं कि वह वही ‘डर्टी हैरी’ हैं, जिन्होंने श्री शैंड के साथ मिलकर यह तस्करी की योजना बनाई थी — जबकि इसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और उनके सह-आरोपी ने भी अदालत में उनकी पहचान की है।”
यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव तस्करी से जुड़े खतरों और त्रासदियों की तरफ ध्यान खींच रहा है, खासकर उन परिवारों की दुर्दशा पर, जो बेहतर जीवन की तलाश में अपनी जान दांव पर लगा देते हैं।
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