भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुजरात, दीव, दमन और दादरा एवं नगर हवेली के लिए सात दिवसीय मौसम अलर्ट जारी किया है। इस दौरान भीषण गर्मी और धूलभरी हवाओं के चलते जनजीवन प्रभावित होने की चेतावनी दी गई है।
पूर्वानुमान के अनुसार, 19 और 20 अप्रैल को राजकोट और कच्छ के कुछ हिस्सों में लू (हीटवेव) चलने की संभावना है। साथ ही, सौराष्ट्र-कच्छ और उत्तर गुजरात में 20–30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूलभरी हवाएं चल सकती हैं। पूरे सप्ताह राज्य में मौसम शुष्क बना रहेगा।
22 से 24 अप्रैल के बीच तटीय क्षेत्रों में गर्म और उमस भरे हालात से लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। अहमदाबाद में अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है और फिलहाल गर्मी से राहत की कोई संभावना नहीं दिख रही है।
पिछले 24 घंटों में कच्छ के कुछ हिस्सों में हीटवेव की स्थिति दर्ज की गई। कांडला एयरपोर्ट पर गुरुवार को प्रदेश का सर्वाधिक तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सुरेन्द्रनगर में 43.3 डिग्री, राजकोट में 42.9 डिग्री और अमरेली में 42.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। अहमदाबाद और गांधीनगर में भी अत्यधिक गर्मी रही, जहां क्रमशः 41.8 डिग्री और 41.0 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
भुज और डीसा में भी गर्मी का असर दिखा, जहां अधिकतम तापमान क्रमशः 41.4 डिग्री और 40.2 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे यह स्पष्ट है कि पूरे राज्य में गर्मी का व्यापक प्रभाव है।
आर्द्रता (ह्यूमिडिटी) के स्तर में क्षेत्र अनुसार भारी अंतर देखा गया। तटीय शहरों जैसे दमन और दीव में सुबह के समय आर्द्रता का स्तर क्रमशः 82% और 72% रहा, जिससे असुविधा और बढ़ गई। वहीं, राजकोट और भुज जैसे आंतरिक क्षेत्रों में शाम के समय आर्द्रता कम रही, जिससे शुष्क गर्मी और अधिक तीव्र महसूस हुई। राज्य में कहीं भी वर्षा दर्ज नहीं की गई, जिससे गर्म और शुष्क स्थिति बनी हुई है।
IMD के साथ समन्वय में राज्य सरकार ने हीट एक्शन प्लान (Heat Action Plan – HAP) को सक्रिय कर दिया है, ताकि गर्मी से होने वाली बीमारियों और मौतों को कम किया जा सके। इस योजना में पूर्व चेतावनी प्रणाली, जन-जागरूकता अभियान, और स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों के साथ समन्वय शामिल है ताकि हीटस्ट्रोक और डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) के मामलों में त्वरित इलाज सुनिश्चित किया जा सके।
जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे शीतलन केंद्र (कूलिंग सेंटर्स) स्थापित करें, सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करें, और स्कूलों व कार्यस्थलों को दोपहर की चरम गर्मी के दौरान बाहरी गतिविधियों को सीमित करने की सलाह दें।
सरकार स्थानीय नगरपालिकाओं के साथ मिलकर बच्चों, बुजुर्गों और बाहरी श्रमिकों जैसे संवेदनशील वर्गों पर निगरानी रख रही है। साथ ही, नियोक्ताओं से अनुरोध किया गया है कि वे काम के घंटे गर्मी के अनुसार समायोजित करें। ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए टैंकर भेजने और बोरवेल की मरम्मत जैसे उपाय किए जा रहे हैं, विशेषकर सूखा प्रभावित इलाकों में।
बढ़ती गर्मी के बीच, नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे दोपहर के समय बाहर निकलने से बचें, पर्याप्त पानी पिएं और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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