गुजरात में दलित युवक को शादी में साफा पहनना पड़ा भारी ,बारात में पथराव

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गुजरात में दलित युवक को शादी में साफा पहनना पड़ा भारी ,बारात में पथराव ,राजपूत सरपंच सहित 28 के खिलाफ मामला दर्ज

| Updated: February 9, 2022 14:00

सुरेश सेखालिया को नहीं पता था की वह सीमा में भले ही दुश्मनों के दांत खट्टे कर रहा हो लेकिन आजादी के सात दशक से अधिक का समय होने के बावजूद वह अपने गांव में ही अपने भाई की बारात में साफा -घोड़ी जैसी सामान्य इच्छा भी पूरी नहीं कर सकता , संवैधानिक अधिकार होने के बावजूद |

देश में संसद का संविधान कुछ लोंगो के लिए अब भी जातीय मानसिकता से ऊपर नहीं है.गुजरात एक बार फिर शर्मसार हुआ है , हमेशा की तरह इस बार भी ” जातीय गौरव ” का शिकार दलित युवक हुआ।

दलित युवक और उसके परिजनों का दोष केवल इतना था की सामान्य लोगों की तरह वह भी अपनी शादी घोड़ी चढ़ना चाहता था , साफा पहना चाहता था लेकिन यह गांव की उच्च जाति को रास नहीं आया ,पहले उन्होंने घोड़ी चढ़ने से मना किया.

वह मान भी गया लेकिन बारात में कुछ बारातियो ने साफा पहन रखा था ,यह भी उच्च जाति के लोगों को रास नहीं आया और उन्होंने पथराव कर दिया ,यह तब सब हुआ जब दूल्हे के परिजनों ने पहले से जिला पुलिस अधीक्षक को लिखित में सूचना दी थी | पथराव में दूल्हे का चाचा घायल हो गया | पुलिस ने सरपंच समेत 28 लोगों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ मामला दर्ज किया है.


क्या है घटना

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बनासकांठा जिले के पालनपुर तालुका के एक मोटा गाँव के सुरेश भाई सेखलिया अपने भाई अतुल के विवाह को यादगार बनाने के लिए उसे घोड़ी पर चढ़ना चाहते थे इसके लिए उन्होंने घोड़ी बुक भी कर ली थी , एक यह खबर जैसे ही गांव को पहुंची तो उच्च जाति के लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया .

सुरेश ने माहौल तंग देखकर पुलिस अधीक्षक से बंदोबस्त की मांग की। जब गाँव के सरपंच भरतसिंह राजपूत जो 28 आरोपियों में से एक है ने फ़ोन कर घोड़ी पर बैठने का विचार त्याग देने की सलाह दी। मामला सोसल मीडिया में भी जमकर उछला , पुलिस अधीक्षक से बंदोबस्त की गुहार दलित परिवार द्वारा लगायी गयी , लेकिन बाद में सरपंच द्वारा बुलायी गयी बैठक में गांव की शांति व्यवस्था ना बिगड़े ,इसलिए घोड़ी पर नहीं बैठना की समझाइश दी गयी , जिसे दलित परिवार ने मान भी लिया .

लेकिन बारात में कुछ बारातियों ने साफा पहन रखा था , जो उच्च जाति के लोगों को रास नहीं आया। और बारात पर पथराव कर दिया। दूल्हे का एक परिजन इसमें घायल हो गया। पुलिस ने वीरा भाई शेखालिया की शिकायत के आधार पर गैरकानूनी तौर से एकत्रित (आईपीसी की धारा 143), आपराधिक धमकी (506) और एससी / एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत सरपंच भरतसिंह राजपूत समेत 28 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस उपाधीक्षक कुशल ओझा ने घटना के विषय में बताया कि “जब बारात गांव से गुजर रही थी, तब कुछ अज्ञात लोगों ने दो-तीन पत्थर फेंके, जिससे दूल्हे का एक रिश्तेदार घायल हो गया। हमने प्राथमिकी दर्ज कर एससी/एसटी सेल के उपाधीक्षक को मामले की जांच सौंप दी है।” अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा, “जब बारात गांव से गुजर रही थी, तब कुछ अज्ञात लोगों ने दो-तीन पत्थर फेंके, जिससे दूल्हे का एक रिश्तेदार घायल हो गया। हमने प्राथमिकी दर्ज कर एससी/एसटी सेल के उपाधीक्षक को मामले की जांच सौंप दी है।” ओझा ने कहा कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
सेना में है दूल्हे का भाई

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मोटा गांव में गठित इस घटना में दूल्हे अतुल शेखालिया का भाई सुरेश सेखालिया सेना में है . इस गांव के गांव के 100 से अधिक युवक देश की रक्षा के लिए विभिन्न मोर्चो पर तैनात है.

लेकिन सुरेश सेखालिया को नहीं पता था की वह सीमा में भले ही दुश्मनों के दांत खट्टे कर रहा हो लेकिन आजादी के सात दशक से अधिक का समय होने के बावजूद वह अपने गांव में ही अपने भाई की बारात में साफा -घोड़ी जैसी सामान्य इच्छा भी पूरी नहीं कर सकता , संवैधानिक अधिकार होने के बावजूद |

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