तेहरान: ईरान में इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने के आरोप में तीन लोगों को फांसी दे दी गई है। ईरानी न्यायपालिका से जुड़े मिज़ान न्यूज़ एजेंसी ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की।
मिज़ान के अनुसार, इन तीन व्यक्तियों को मोसाद के साथ मिलकर काम करने, एक अज्ञात व्यक्ति की हत्या में उपयोग किए गए उपकरणों की तस्करी करने के लिए दोषी ठहराया गया था। रिपोर्ट में इस हत्याकांड से जुड़े अन्य विवरण नहीं दिए गए।
इसके अलावा, सरकारी पोषित नूरन्यूज़ के अनुसार इज़राइल से संबंध रखने के शक में करीब 700 लोगों को देशभर में गिरफ्तार किया गया है।
ये फांसी ऐसे वक्त में दी गई है जब महज एक दिन पहले ही अमेरिका की मध्यस्थता से इज़राइल और ईरान के बीच संघर्षविराम पर सहमति बनी थी। 12 दिनों तक चले हिंसक संघर्ष के बाद अमेरिका के हस्तक्षेप से दोनों देशों ने संघर्षविराम स्वीकार किया था।
इससे पहले अमेरिका ने इज़राइली पक्ष में खड़े होते हुए ईरान के तीन परमाणु स्थलों — फोर्दो, नतांज और इस्फ़हान — पर बमबारी की थी, जब इज़राइल ने दावा किया था कि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने के बेहद करीब है। ईरान ने इस आरोप को सिरे से नकार दिया है।
हालांकि संघर्षविराम लागू होते ही दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन करने के आरोप लगाए। इस पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाराज़गी जाहिर की, लेकिन बाद में 79 वर्षीय ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, “इज़राइल ईरान पर हमला नहीं करने जा रहा है। सभी विमान वापस लौट रहे हैं। संघर्षविराम लागू है, और हमें एक शांतिपूर्ण समाधान पर भरोसा है।”
गौरतलब है कि ईरान और इज़राइल के बीच दशकों से संघर्ष चला आ रहा है, जिसमें अक्सर दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गुप्त हमलों और हत्याओं के आरोप लगाते रहे हैं। इस नए संघर्षविराम से दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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