भारतीय जनता पार्टी में वंशवाद की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है और परिवार के नेतृत्व वाले राजनीतिक दलों को चुनौती दी जाती रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पार्टी की संसदीय दल की बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि वह हाल ही में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी के नेताओं के बच्चों का टिकट कटने की जिम्मेदारी लेते हैं। उन्होंने पांच में से चार राज्यों में भाजपा की जीत के लिए पार्टी नेताओं की सराहना की।
प्रधानमंत्री मोदी का भाषण में मुख्य रूप से वंशवाद की राजनीति पर केंद्रित रहा। प्रधानमंत्री सुनिश्चित किया कि पार्टी के नेताओं ने अपने बच्चों के लिए टिकट मांगी थी, जिसे ठुकरा दिया गया था। लोगों तक यह संदेश जाने की जरूरत है कि परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति देश में कहीं भी नहीं है।
सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने अंबेडकर भवन में संसदीय दल की बैठक में कहा, “कई संसद सदस्य और पार्टी के नेता अपने बच्चों के लिए हाल ही में संपन्न चुनावों में टिकट मांग रहे थे। उनमें से कई को मना कर दिया गया था। जिन लोगों को बच्चों के लिए टिकट नहीं दिया जाता है, उनकी जिम्मेदारी पूरी तरह से मेरी है।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि परिवारवाद बढ़ने से जातिवाद होता है।
पीएम मोदी ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि बीजेपी वंशवाद की राजनीति के खिलाफ लड़ रही है और यह महत्वपूर्ण है कि पार्टी उदाहरण के साथ आगे बढ़े। बता दें कि संसदीय दल की बैठकों सहित कई बार प्रधानमंत्री ने गांधी परिवार पर परिवरावाद को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने इस बैठक में यूक्रेन से फंसे भारतीयों को निकालने का भी लेखा-जोखा दिया।
भाजपा संसदीय समिति की बैठक में पीएम मोदी और नड्डा के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल मौजूद रहे। संसद लाइब्रेरी में चल रहे मरम्मत कार्य के चलते जनपथ रोड स्थित अंबेडकर सेंटर में बैठक हुई।
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