जिग्नेश मेवाणी को असम के कोकराझार में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से मिली ..

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जिग्नेश मेवाणी को असम के कोकराझार में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से मिली जमानत

| Updated: April 25, 2022 18:22

गुजरात विधानसभा के विधायक जिग्नेश मेवाणी की जमानत याचिका असम के कोकराझार में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने अस्वीकार कर दी ।जिससे जिग्नेश की मुश्किलें और बढ़ गयी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार गुजरात विधानसभा के विधायक जिग्नेश मेवाणी की जमानत याचिका असम के कोकराझार में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने स्वीकार कर दी ।लेकिन दूसरी शिकायत पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।जिससे जिग्नेश की मुश्किलें और बढ़ गयी है। अब जिग्नेश को अगले कुछ दिन और जेल में बीतानी पड़ेगी। इसके पहले एक स्थानीय अदालत ने जिग्नेश मेवाणी को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

मेवाणी की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस ने असम में रैली की थी। अदालत ने रविवार को अपने आदेश में कहा कि मामले की प्रकृति को देखते हुए अदालत को रिकॉर्ड पर विवरण की जांच के लिए और समय चाहिए। उनकी जमानत अर्जी पर सोमवार को फैसला लिया जाएगा।लेकिन सोमवार सुबह को हुयी सुनवाई के बाद सरकारी पक्ष ने जमानत का विरोध किया ,अंत में निचली अदालत ने जमानत याचिका स्वीकार कर दी।लेकिन दूसरी शिकायत पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

मेवाणी गुजरात विधानसभा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार हैं, लेकिन उन्हें कांग्रेस के समर्थन से चुना गया था। उन्हें गुजरात पुलिस ने आधी रात को गुजरात से गिरफ्तार किया था। असम की एक अदालत ने उसे तीन दिन की हिरासत में भेज दिया है। असम पुलिस ने उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

वकील अंगशुमान बोरा ने कहा कि विधायक के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई आरोप नहीं है।

जिग्नेश मेवाणी के वकील अंगशुमान बोरा ने कहा कि विधायक के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई आरोप नहीं है। इस प्रकार प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। इस मामले में आरोपी के ऊपर कोई भी धारा थोपी हुई नहीं लगती है। धारा 153 के तहत विभिन्न समाजों के बीच वैमनस्य फैलाने का प्रावधान है, दरअसल आरोपी ने विभिन्न समाजों के बीच वैमनस्य नाम का कोई काम नहीं किया है. इस प्रकार, आरोपी ने किसी भी तरह के धार्मिक उकसावे को नहीं उकसाया, उन्होंने कहा।

बोरा ने कहा कि अगर आरोपी की जमानत खारिज कर दी जाती है तो मेवानी को सत्र अदालत जाना होगा। उन्होंने कहा कि मेवानी की गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। असम कांग्रेस ने मेवानी की गिरफ्तारी के विरोध में असम के कोकराझार में रैली की थी।आरोपी विधायक को जमानत मिली।

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